लखनऊ, । निलमथा में हुई रेलवे ठेकेदार वीरेंद्र ठाकुर उर्फ गोरख की हत्या के मास्टर माइंड कमलेश जायसवाल उर्फ बिट्टू जायसवाल की सोमवार दोपहर बाद पुलिस से मुठभेड़ हो गई। मुठभेड़ के दौरान दाहिने पैर में गोली लगने से बिट्टू घायल हो गया और पुलिस ने उसे दबोच लिया। वहीं, बिट्टू का साथी मौका पाते ही भाग निकला। पुलिस की टीमें उसके साथी फिरदौस की तलाश कर रही हैं।बिट्टू ही हत्याकांड का मुख्य साजिश करता था। वह वीरेंद्र की पहली पत्नी प्रियंका का करीबी है। उसने ही वीरेंद्र की हत्या की सुपारी फिरदौस को दी थी। बिट्टू बिहार के चंपारण के बगहा हनुमानगढ़ी वार्ड नंबर 23 का रहने वाला है। डीसीपी पूर्वी प्राची सिंह ने बताया कि बिट्टू पर 25 हजार का इनाम घोषित था। उसकी लोकेशन कैंट इलाके में मिली इस पर पुलिस और क्राइम ब्रांच पहुंच गई।इंस्पेक्टर कैंट शिव चरण लाल, इंस्पेक्टर आशियाना डॉ: धर्मेंद्र यादव , सिपाही संदीप शर्मा , क्राइम ब्रांच के दारोगा रजनीश वर्मा व अन्य पुलिस कर्मी पहुंचे। चेकिंग शुरू कर दी गई। इस बीच बाइक सवार दो युवक आते दिखे। उन्होंने रोकने का प्रयास किया गया तो वह गाड़ी पेड़ के पीछे ले गए और फायरिंग करने लगे। पुलिस की जवाबी फायरिंग में बिट्टू के दाहिने पैर में गोली लगी और वह घायल हो गया। इस बीच उसका साथी भाग निकला। मौके से एक तमंचा, दो कारतूस और बाइक बरामद की गई है।घायल बदमाश बिट्टू को सिविल में भर्ती कराया गया है। वहीं, उसके साथी की पिपराघाट और कैंट के जंगलों में पुलिस टीम तलाश कर रही है। इसके अलावा वारदात में शामिल मुख्य शूटर फिरदौस, वीरेंद्र की पहली पत्नी प्रियंका और चार शूटरों की तलाश में दबिश दी जा रही है। जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। हत्याकांड में वीरेंद्र की पत्नी खुशबुनतारा ने प्रियंका उसके करीबी बिट्टू जायसवाल और फिरदौस के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।एडीसीपी पूर्वी सैयद अली अब्बास ने बताया कि बिट्टू ने वीरेंद्र की हत्या की साजिश रची थी। वीरेंद्र की हत्या बीते 25 जून को हुई थी। 24 को फिरदौस और उसके साथी शूटर लखनऊ आ गए थे। जब फिरदौस और उसके साथियों ने वीरेंद्र के निलमथा स्थित घर की रेकी की थी तो बिट्टू ने बिहार से वीडियो काल कर उन्हें रास्ता भी बताया था।फिरदौस और उसके चार साथी वारदात को अंजाम देने वीरेंद्र के घर पहुंचे थे। इसमें से दो ने बिहार पुलिस की वर्दी पहन रखी थी। जबकि दो खाकी पैंट पहने थे। वीरेंद्र के घर पहुंचते ही उनके गार्डों और अन्य लोगों को कमरे में बंद कर दिया था। इसके बाद ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर वीरेंद्र की हत्या की और भाग निकले थे।



