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एसटीएफ ने करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह को दबोचा

 

 

 

फर्जी काल सेंटर चलाने वाले गिरोह का राजफाश

 

 

लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के नाम पर दो सौ से लोगों से प्रीमियम जमा कराने का झांसा देकर करोड़ों रुपये की ठगी की थी

 

 

पौने तीन लाख इंश्योरेंस कम्पनी के ग्राहकों का डाटा बरामद

 

 

10-10 हजार रुपये का था इनाम घोषित

 

 

आराेपितों के पास से 78 सिम कार्ड, चेकबुक, पासबुक, 10 मोबाइल फोन, दो फिंगर स्कैनर मशीन, एक कार और चार हजार दो सौ रुपये बरामद

 

 

लखनऊ, । स्पेशल टास्क फोर्स ने फर्जी काल सेंटर चलाने वाले गिरोह का राजफाश किया है। गिरोह में शामिल युवती समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपित मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के नाम पर दो सौ से लोगों से प्रीमियम जमा कराने का झांसा देकर करोड़ों रुपये की ठगी की है। गिरोह के पास से पौने तीन लाख मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कम्पनी के ग्राहकों का डाटा बरामद किया गया है।प्रभारी एसएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह के मुताबिक विभूतिखंड थाने में गिरोह के सरगना पूरेपवारन, चक मलिक भीटी, थाना डलमऊ जनपद रायबरेली निवासी अंकित सिंह और प्रिया सिंह पर लखनऊ पुलिस ने 10-10 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। दोनों यहां अवधपुरम सोसाइटी कुर्सी रोड पर रहते थे। दोनों को उनके साथी कैसरगंज बहराइच निवासी अनुज गौड़ के साथ गिरफ्तार किया गया है।आराेपितों के पास से 78 सिम कार्ड, चेकबुक, पासबुक, 10 मोबाइल फोन, दो फिंगर स्कैनर मशीन, एक कार और चार हजार दो सौ रुपये बरामद किए गए हैं। प्रभारी एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि छानबीन में पता चला कि आरोपित फर्जी नाम पते पर एक्टीवेट किए गए सिम कार्ड खरीदने के लिए लखनऊ में मौजूद हैं, जिन्हें पकड़ लिया गया। पूछताछ में अंकित और प्रिया सिंह ने बताया कि वर्ष 2017 में दोनों लखनऊ में एक फर्जी काल सेंटर में काम करते थे। इसमें प्रिया कालिंग व अंकित फर्जी बैंक खाते खोलने व एटीएम से रुपये निकालने का काम करता था।कृष्णानगर में एक व्यक्ति से ठगी के आरोप में अंकित और फर्जी काल सेंटर संचालक जेल भी गए थे। अंकित तीन माह बाद जमानत पर छूट गया था। इसके बाद दोनों ने वर्ष 2019 में घर से ही ठगी का धंधा शुरू किया। इसके लिए दोनों ने पहले वाले फर्जी काल सेंटर से डाटा चोरी की और वर्ष 2020 में मालवीय नगर स्थित ओके प्लस बिल्डिंग में फर्जी काल सेंटर खोला। आरोपित मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के ग्राहकों को काल कर तरह तरह की स्कीम बताकर झांसे में लेते थे।इसके बाद लकी कस्टमर बताकर प्रीमियम के आनलाइन भुगतान पर 10 प्रतिशत का मुनाफा मिलने की बात कहते थे। झांसे में आकर ग्राहक आरोपितों के बताए गए खातों में रुपये ट्रांसफर कर देते थे। आरोपितों ने अब तक 120 फर्जी बैंक खाते दीपक, दीपक रजक, अजय चौधरी, सूरज मीना व अन्य के नाम पर खोले थे और करीब एक करोड़ रुपये जमा करवाए थे। अंकित ने 200 सिम कार्ड खरीदे थे, जो 100 मोबाइल फोन में इस्तेमाल किए गए हैं।ठगी के बाद आरोपित फोन और सिम तोड़कर फेंक देते थे। अनुज गौड़ जाली कागजाें पर सिम कार्ड उपलब्ध कराता था, जो निजी कंपनी में सिम कार्ड प्रमोटर के पद पर तैनात है और मुंशीपुलिया पर कैनोपी लगाकर सिम बेचता है। आरोपित सिम कार्ड खरीदने वाले ग्राहकों की आइडी का भी दुरुपयोग करता था। अंकित को अनुज चार सौ से पांच रुपये में एक सिम कार्ड बेचता था। गिरोह का जाल जयपुर में भी फैला है।

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