नाबालिक लड़की से जबरदस्ती की मंदिर में शादी, तैयार किए झूठे दस्तावेज!प्रकाश
ग्राम प्रधान रामकुमार थाने जाने से हमेशा रोकते रहे बोले आपकी लड़की को वापस ले आएंगे! प्रकाश
ग्राम प्रधान रामकुमार और राजकुमार मंजू ने हमारी लड़की की जिदंगी कर दिया बर्बाद! प्रकाश
ख़बर दृष्टिकोण लखनऊ
आशीष कुमार सिंह विशेष संवाददाता
लखनऊ माल- राजधानी लखनऊ में थाना माल के गुमसेना गांव का मामला प्रकाश में आया है पीड़िता के पिता ने आज पत्रकारों से बताया (बदला हुआ नाम रोशनी) की जिंदगी बर्बाद करने में ग्राम प्रधान रामकुमार का भी अहम भूमिका है और हमारी लड़की के साथ हुए गैंग रेप मामले में ग्राम प्रधान रामकुमार की भी आरोपियों के साथ मिले होने की संलिप्तता है।
आपको बता दें जब आज एक मीडिया कर्मी ने पीड़िता के पिता प्रकाश से 4 सालों में पुलिस को सूचना न देने का सवाल किया कि तुम्हारी लड़की गायब हुई है और आपने आज तक आरोपियों पर मुकदमा क्यों नहीं लिखवाया तो प्रकाश ने बताया हमारे गांव के ही रहने वाले प्रधान रामकुमार जिनको हम लोगों ने वोट के साथ भारी बहुमत से जीताने का काम किया था। वह ही हमें थाने जाने से हमेशा रोकते रहे हमको कई बार तो रास्ते से भी वापस करके घर ले आए और हमसे कहा की नाबालिक लड़की की बदनामी चाहते हो क्या अगर थाने में सूचना करोगे तो कौन करेगा तुम्हारी लड़की से शादी इसी डर से हमने थाने में कोई सूचना आज तक नहीं दिया।
सुलह समझौता स्टांप पर जबरदस्ती साइन अंगूठा
पीड़िता ने बताया एक बार हम उन लोगों के चंगुल से छूट कर भाग रहे थे और सिधौली तक आ गए थे लेकिन उन लोगों ने सिधौली में ही हमको पकड़ लिया और मुझे मारा पीटा रोड पर घसीटा फिर उसके बाद में स्टांप पेपर पर हमसे जबरदस्ती साइन करा लिए बोले कि अबकी बार अगर भागी तो तुम्हारे साथ-साथ आपके मां-बाप को भी जान से मार देंगे।
ग्राम प्रधान रामकुमार ने थाने में तहरीर देने से रोका
पीड़िता के पिता ने ग्राम प्रधान रामकुमार पर आरोप लगाया है कि अगर प्रधान चाहते तो शायद हमारी बिटिया की इज्जत बच जाती और हमारी बिटिया का जीवन बर्बाद नहीं होता। प्रधान हमेशा हमसे यही कहते रहे अगर थाने में सूचना दोगे तो तुम्हारी लड़की से कोई शादी नहीं करेगा।
माल पुलिस आखिर क्यों बना रही है सुलह समझौता का दबाव
कोई भी व्यक्ति अगर आरोपियों से परेशान होकर पुलिस के पास शिकायती प्रार्थना पत्र लेकर जाता है तो पुलिस का काम होता है कि उसके प्रार्थना पत्र पर एनसीआर दर्ज कर तुरंत ही लगाए गए आरोपों पर जांच करनी चाहिए लेकिन यहां पर तो बिल्कुल अलग ही मंजर है पीड़ित पुलिस के पास जब शिकायती पत्र लेकर गया तो उल्टा थाने के दरोगा अमरपाल साहू सुलह समझौते की बात करते हैं जिससे यह पता चलता है कि कहीं ना कहीं माल पुलिस भी आरोपियों के बचाव में लगी हुई है। पत्रकारों से बातचीत करते हुए पीड़िता के पिता ने कहा कि हमारी जान को खतरा है क्योंकि वह लोग बहुत ही दबंग लोग हैं अगर माल पुलिस ने हमारा मुकदमा पंजीकृत करके कार्यवाही नहीं की तो हमारी जान को भी कभी ना कभी खतरा हो सकता है।