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उत्तर प्रदेश पुलिस का फर्जी निरीक्षक बनकर, किया ठगी का व्यापार

 

 

साइबर क्राइम सेल व थाना नाका की संयुक्त पुलिस टीम ने फर्जी निरीक्षक बनकर नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले अभियुक्त को किया गिरफ्तार

 

खबर दृष्टिकोण संवाददाता आनंद पांडे

 

राजधानी लखनऊ में ठगी का व्यापार थमने का नाम नहीं ले रहा है. देवरिया निवासी जामिल अहमद पुत्र मोफिल हुसैन उम्र 42 वर्ष को फर्जी निरीक्षक बनकर लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने के कुकृत्य में पुलिस आयुक्त लखनऊ एस. बी.शिरडकर द्वारा साइबर अपराध व अपराधियों पर लगाम लगाने और घटनाओं के त्वरित सफल अनावरण हेतु चलाए जा रहे अभियान के क्रम में संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध एवं मुख्यालय नीलाब्जा चौधरी, पुलिस उपायुक्त अपराध पी.के तिवारी, अपर पुलिस आयुक्त अपराध अखिलेश सिंह, पुलिस उपायुक्त पश्चिमी डॉ.एस.एस चिनप्पा, अपर पुलिस उपायुक्त चिरंजीव नाथ सिन्हा पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ के दिशा निर्देशन में तथा सहायक पुलिस आयुक्त साइबर क्राइम सेल दिलीप कुमार सिंह व सहायक पुलिस आयुक्त कैसरबाग योगेश कुमार के संयुक्त पर्यवेक्षण में प्रभारी साइबर क्राइम सेल के नेतृत्व में उनकी टीम तथा नाका थाना कि संयुक्त पुलिस टीम द्वारा दिनांक 30.9.2022 को एक अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया. जिसके पास से एक पुलिस निरीक्षक की वर्दी जो उसने पहन रखी थी. पिस्टल जैसा दिखने वाला लाइटर, प्रांतीय रक्षक दल का आई कार्ड,दो आधार कार्ड व और अन्य कागजात बरामद किए गए।

 

बता दे की जामिल अहमद ने लगभग 2 महीने पहले लखनऊ में होमगार्ड में नौकरी दिलाने को लेकर शाहीन, रुबीना, साधना व निशा नाम की लड़कियों को अपना निशाना बनाया और शाहीन से 85 हजार रुबीना से 20 हजार साधना व निशा से ₹40 हजार रुपए लेकर गायब हो गया। जिसके बाद सभी लड़कियों ने कई दिनों तक फोन किया लेकिन किसी भी तरीके का सटीक जवाब नहीं मिला उसके बाद 28.9.2022 को रुबीना के नंबर पर जामिल फोन करता है और कहता है कि तुम सबको ट्रेनिंग के लिए महाराजगंज जाना है और उन लड़कियों का बलरामपुर अस्पताल में मेडिकल भी करवाता है उसके बाद लड़कियों को चारबाग बुलाकर टिकट लेकर ट्रेन का इंतजार करने लगता है तभी मुखबिर की सूचना पर साइबर क्राइम सेल हजरतगंज व थाना नाका की संयुक्त टीम द्वारा जामिल अहमद को चारबाग मेट्रो स्टेशन के नीचे से गिरफ्तार कर लेते हैं। गिरफ्तार अभियुक्त ने पूछताछ में बताया कि वह इससे पूर्व दुबई में रहकर बुर्का एवं पैंट कटिंग का काम करता था।नौकरी छूटने के बाद काम की तलाश में वह राजधानी लखनऊ आ गया जहां रानी नाम की एक महिला से उसकी मुलाकात हुई और उससे मिलने के बाद दोनों ने प्लान बनाया कि बेरोजगार लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर रुपए ऐठे जाए जिसके बाद उसने निरीक्षक की वर्दी पहन कर इस कुकृत्य को अंजाम देना शुरू कर दिया। नाका थाना प्रभारी निरीक्षक ने जानकारी देते हुए बताया कि उक्त घटना में वादी द्वारा थाने में तहरीर दी गई थी जिस पर जामिल अहमद को धारा 170,171,419,420,370(3)के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत कर जेल भेजा दिया गया.

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