थाने के कई चक्कर लगाने के बाद भी बेलगाम परसपुर पुलिस ने नहीं लिखा मुकदमा,पीड़ित ने पुलिस कप्तान से लगाई गुहार)
(यह है जिले के तेजतर्रार कहे जाने वाले कप्तान की मित्र पुलिस )
गोण्डा। जिले के पुलिस कप्तान संतोष कुमार मिश्र जहां एक ओर अपराधियों पर लगाम लगाने के दावे करते हुए कानून व्यवस्था चुस्त दुरुस्त रखने के क्रम में अपराधियों पर लगातार कार्रवाई करने की बात कर रहे हैं। वहीं उनके अधीनस्थ कई ऐसे थाना एवं चौकी प्रभारी व दीवान हैं जो काफी समय से एक ही थाने में जमे रहकर कप्तान के निर्देशों पर पानी फेर रहे हैं और अपराधियों के हौंसले को बढ़ावा दे रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार ताजा मामला थाना परसपुर से जुड़ा है। जहां पीड़ित देवप्रकाश पुत्र धर्मराज निवासी ग्राम मधईपुर कुर्मी (रनियापुर) थाना परसपुर जनपद गोंडा के प्रार्थनापत्र के मुताबिक उसके घर के सहन के सामने खड़ंजा मार्ग है जिस पर प्रार्थी का पूर्वजों के समय से निकास कायम था। प्रार्थी उक्त रास्ते में आने जाने के लिए एक गेट लगाना चाहता था लेकिन विपक्षीगण प्रार्थी का गेट नहीं लगाने दे रहे थे। जिस पर प्रार्थी ने उपजिलाधिकारी महोदय कर्नलगंज को प्रार्थनापत्र दिया जिसमें उपजिलाधिकारी ने दिनांक 12/03/2022 को गेट लगाने में आ रहे अवैध हस्तक्षेप को रोकने हेतु एसएचओ परसपुर को आदेशित किया था। उक्त आदेश के बाद प्रार्थी ने अपना गेट लगा लिया जिससे विपक्षीगण बौखलाहट के कारण दिनांक 14/3/2022 को समय रात्रि करीब साढ़े आठ बजे प्रेमचन्द, सुभाष चन्द, रामचन्द, सतीश चन्द पुत्रगण शिवभगवान अपने अज्ञात साथियों व रिश्तेदारों के साथ लाठी-डंडा भाला आदि से लैस होकर प्रार्थी के घर पर चढ़ आये वह हमला बोल दिया। प्रार्थी के घर पर लगे सीसीटीवी कैमरे को तोड़ दिया। ईंट पत्थर बरसाकर परिवार को मारा पीटा लाठी डंडा से मारा पीटा। जिससे उसकी भाभी हंसरानी व मां रेशमा देवी को चोटें आई। सभी लोग जान बचाने के लिए अपने घर में घुस गये तो विपक्षीगण ने घर में घुसकर भी मारा-पीटा और घर के सामान को तहस नहस कर दिया। भद्दी भद्दी गालियां दी व जान से मार डालने की धमकी दिया। तभी से प्रार्थी अपने परिवार के साथ भगा हुआ है। प्रार्थी के परिवार पर जान का खतरा बना हुआ है। पीड़ित घटना के बाद से लगातार थाने का चक्कर लगाता रहा लेकिन उसका मुकदमा नहीं लिखा गया। वहीं कप्तान के निर्देशों को ठेंगा दिखाते हुए पुलिस कर्मी मामले में लीपापोती करते रहे। इससे पुलिस कप्तान संतोष मिश्रा के अधीनस्थ खुद को मित्र पुलिस कहलाने वाले बेलगाम पुलिसकर्मियों का निरंकुश चेहरा तो सामने आया ही वहीं पुलिस विभाग के पीड़ितों के प्रति अपनाये जा रहे व्यवहार का खुलासा करते हुए पुलिसिया कार्यप्रणाली को भी कटघरे में खड़ा कर रहा है। आखिर जिले की पुलिस मित्र पुलिस कब साबित होगी ? इसका जवाब शायद कप्तान ही दे सकते हैं। यही नहीं परसपुर के थाना प्रभारी को पुलिस अधीक्षक के आदेशों का भी कोई खौफ नहीं है। जिससे पुलिस-प्रशासन द्वारा दबंगों के विरुद्ध कार्रवाई ना करने से अपराधियों का हौसला दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। उक्त प्रकरण में पीड़ित व्यक्ति ने स्थानीय थाने पर प्रार्थना पत्र देने के बावजूद भी दबंगों के विरुद्ध कार्रवाई ना होने पर मजबूर होकर पुलिस अधीक्षक का दरवाजा खटखटाते हुए दबंगों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग कर न्याय की गुहार लगाई है।



