लखनऊ, । प्रदेश के जिला मुख्यालयों पर शुक्रवार को एनपीएस निजीकरण भारत छोड़ो पदयात्रा जोर शोर से निकाली गई। बड़ी संख्या में शिक्षक, कर्मचारी व अधिकारी संगठनों के लोगों ने हिस्सा लिया। सभी ने इसको लेकर नाराजगी जताई कि एमपी एमएलए पुरानी पेंशन के हकदार हैं तो कर्मचारी क्यों नहीं? पदयात्रा में लोग हाथों में तख्तियां लिए एनपीएस गो बैक व ओपीएस कम बैक, निजीकरण मुर्दाबाद, पुरानी पेंशन बहाल करो, शिक्षक कर्मचारी एकता जिंदाबाद के नारे लगाए जाते रहे।अटेवा पेंशन बचाओ मंच उत्तर प्रदेश कई वर्षों से पुरानी पेंशन बहाली के लिए संघर्ष कर रहा है और धरना प्रदर्शन रैली और पदयात्रा के माध्यम से अपनी मांग को उठा रहा है। प्रदेश मीडिया प्रभारी डा. राजेश कुमार ने प्रदेश और जिला स्तर के कर्मचारी संगठनों ने 21 नवंबर को लखनऊ इको गार्डन की रैली में भागीदारी का ऐलान किया। लखनऊ में शहीद स्मारक गांधी भवन के पास दोपहर से ही शिक्षक कर्मचारियों का जुटान शुरू हुआ। शहीद स्मारक से पदयात्रा शुरू होकर परिवहन आफिस होते हुए स्वास्थ्य निदेशालय, परिवर्तन चौक स्थित बीएन सिंह की मूर्ति पर सभी एकत्र हुए।अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली का सरकार निर्णय ले नहीं तो आगामी चुनाव में इसका खामियोजना पड़ेगा। यदि पश्चिम बंगाल पुरानी पेंशन दे सकता है तो प्रदेश सरकार क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि जहां एनपीएस से शिक्षकों कर्मचारियों का भविष्य खराब हो रहा है, वहीं निजीकरण से वर्तमान चौपट हो रहा है। इसीलिए सभी को एकजुट होकर लड़ाई लडऩी होगी। चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ के प्रधान महासचिव अशोक कुमार, पीडब्ल्यूडी विभाग के वरिष्ठ कर्मचारी नेता भारत सिंह यादव, लुअक्टा के अध्यक्ष मनोज पांडेय, वरिष्ठ कर्मचारी नेता रामेंद्र श्रीवास्तव, श्रम व सेवायोजन कर्मचारी संघ के अमित यादव, अटेवा के महामंत्री डा. नीरजपति त्रिपाठी आदि ने संबोधित किया।