*अगर 24 घंटे में समस्याओं का निस्तारण नहीं हुआ तो किसान सड़को पर उतरेगें:राकेश सिंह चौहान*
*किसान हर बात सुन रहा और देख रहा है यह खामियाजा 27 के चुनाव में देखने को मिलेगा:राकेश सिंह चौहान*
*किसान अगर सड़कों पर उतर आने को मजबूर हुआ तो सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी:राकेश सिंह चौहान*
*खबर दृष्टिकोण लखनऊ*
*आशीष कुमार सिंह विशेष संवाददाता*
*लखनऊ/माल* भारतीय किसान यूनियन (अरा) लोकतांन्त्रिक आज छठे दिन भी राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश सिंह चौहन के साथ जिलाध्यक्ष अतुल कुमार मलिहाबाद तहसील अध्यक्ष अर्जुन सिंह के साथ तमाम पदाधिकारी विकास खण्ड कार्यालय माल में धरने पर बैठै हैं।
राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश सिंह चौहान पत्रकारों से बताया यह धरना धीरे धीरे आन्दोलन का रुप लेने की कगार पर है क्योंकी सरकार के विभागों में बैठे कर्मचारी व अधिकारी सभी लोग अपनी कमियां छिपाने में लगे हुए हैं कोई भी समस्याओं का हल कराने के लिए आगे आकर जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है सब अपनी अपनी कुर्सी बचाने में लगे हुए हैं लेकिन मैं धरने के मंच पर उन लोगों को बता दे रहा हूं यह किसान अब तुम्हारी इस जुमलेबाजी को खुब अच्छी तरह से समझ चुके हैं अब यह किसान तुम्हारी मीठी गोली खाने से इनको आराम नहीं मिलने वाली यह किसान सब कुछ जान गये हैं अब यह धरना छोड़ कर भागने वालों मे से नहीं है यह धरना ऐसे नहीं खत्म हो जाएगा यहां बैठे किसान महिलाएं बुजुर्ग मजदूर ब तक एक एक मांगे पूरी नहीं करा लेगें तब तक यह किसान हिलने वाले नहीं कीमत चाहे इनको अपनी जान से क्यों न चुकानी पड़ जाए। अध्यक्ष जी ने यह भी कहा हम आपको पहले भी बता चुके हैं और फिर बता रहे हैं कान खोलकर सुन ले सरकार और सरकारी दफ्तरों में बैठकर मलाई खाने वाले सरकारी दामाद जो कुर्सी पर बैठ कर सिर्फ अफसरशाही झाड़ रहे हैं यह लोकतंत्र है यहां सरकार बनाना और गिराना इन्हीं किसानों के हांथो में होता है यह किसान अगर मांगों के लेकर अड़े हैं अगर सरकार इन लोगों कीं मांगे नहीं स्वीकारती है तो लोकसभा में जो अभी हुआ है यह तो आप सब लोग देख ही रहे हैं अभी 27 के विधानसभा चुनाव जब आएंगे तो यही किसान और मजदूर व बुजुर्ग महिलाएं बच्चे सरकार से हर सवाल करेगी की जब किसान रोड पर बैठा था मांगो को लेकर तब आप लोग कहां थे हर चीज का हिसाब लेगी यह पब्लिक है यह सब जानती है।