उन्नाव फतेहपुर चौरासी की ग्राम सभाओं में स्वच्छ भारत मिशन और स्वच्छता अभियान मखौल बनकर रह गया है जनप्रतिनिधियों से लेकर गांवों में तैनात ग्राम सचिव तथा ब्लाक के अधिकारी कर्मचारियों की खाऊ कमाऊ नीति और भ्रष्टाचार में संलिप्तता के चलते विकास को दरकिनार करके ग्रामीण जनता के साथ मजाक किया जा रहा है।क्षेत्र की कई ग्राम पंचायतों मे विकास के नाम पर सरकार की तमाम योजनाओं से ग्रामीण तो बंचित है परंतू जनप्रतिनिधि योजनाओं का पूरा लाभ उठा रहे है। क्षेत्र की एक ग्राम पंचायत जो इसका पूरा प्रमाण भी दे रही है लेकिन अफसरों कर्मचारियों का मौन धारण करना जनप्रतिनिधियों का हौसला बढा रही हैं ।
विकास खंड फतेहपुर चौरासी के अंतर्गत ग्राम पंचायत टिकाना के मजरा चौधरी खेडा पहुंच कर ग्रामीणों से चर्चा साझा की गई जिसमें सरकार की उज्ज्वल योजना तथा मनरेगा की जानकारी है जहाँ विकास के नाम पर सरकार लाखो खर्च कर रही वहीं चल रही सरकार की स्वच्छ भारत मिशन योजना को ग्राम पंचायत तार तार कर रही है। टूटी नालीयों मे फैली गंदगी से गामीणों का जीना दूभर है। सडक पर एकत्रित नालियों का गंदा पानी बह रहा है जिसमें सुबह स्कूल जाने वाले बच्चो तथा ग्रामीणो क़ो कीचड से ही गुजरना पडता है। गली गली में कीचड भरा है जिसमें मच्छरों से उतपन्न होने वाली नई नई बीमारियां तथा संक्रमण फैलने की आशंका है। जिसमें मलेरिया डेंगू आदि प्रमुख रुप से पैर पसार रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया पीएम आवास योजना में मजरो को अनदेखा किया गया । इस योजना का उपयोग प्रधान के समर्थक एंवम चाटुकार ही लाभान्वित हुए हैं। गांव के लोगों के साथ हो रहे अन्याय तथा विकास कार्यों की अनदेखी से ग्रामीणों मे आक्रोश है जिससे यही मालूम होता है कि यहां भ्रष्टाचार एक गोरख धंधे का रूप ले रहा है । ग्रामीणों ने शासन प्रशासन के उच्चाधिकारियों से स्थलीय जांच कर धन के दुरुपयोग की जांच करके कार्यवाही की मांग की है जब इस संबंध में खबर दृष्टिकोण की टीम ने फोन कर खंड विकास अधिकारी अनिल कुमार सिंह से बात करनी चाही तो उन्होनें बात करना उचित नहीं समझा अब देखना यह है कि खबर उजागर होने के बाद जांच होकर कार्रवाई होगी य ऐसे ही खाना पूर्ती कर दी जायेगी यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है