खबर दृष्टिकोण
ब्यूरो रिपोर्ट
सीतापुर। हैलो…मैं दरोगा बोल रहा हूं, कार्यवाही चाहती हो तो पैसे भेजो। विपक्षियों को जेल भेज दूंगा। कोतवाली बिसवां में दहेज उत्पीड़न के दर्ज एक मुकदमे में रविवार को वादिनी के पास कॉल आई।
रमुवापुर कालिका सिंह निवासी रेशमी देवी को फोन आया। कॉल करने वाले शख्स ने खुद को दरोगा श्यामू कनौजिया बताया। जालसाज की बातों से रेशमी को यकीन हो गया कि कॉल करने वाला शख्स उसके केस का विवेचक ही है। इसके बाद उस शख्स ने कार्यवाही करने के नाम पर तीन हजार रुपये की डिमांड की।
रेशमी ने कॉल करने वाले शख्स द्वारा भेजे क्यूआर कोड पर पैसे भेज दिए। इसके बाद दोबारा उस शख्स ने सोमवार को कॉल कर पैसों की मांग की। शक होने पर महिला ने प्रभारी निरीक्षक बिसवां तेज प्रकाश सिंह को फोन कर पूरी बात बताई। तब उन्हें ठगी का अहसास हुआ।
जिले में इस तरह के मामले तेजी से बढ़े हैं। साइबर ठग अब जालसाजी के लिए यूपीकॉप एप से शिकार तलाशते हैं। वहां उपलब्ध एफआईआर के ब्योरे का इस्तेमाल करके वादी को विश्वास में लेते हैं। इसके बाद विपक्षी पर सख्त कार्रवाई करने और केस से नाम हटाने के बहाने फोन करके लोगों से ठगी कर रहे हैं। जालसाजों की इस ठगी ने पुलिस का भी सिरदर्द बढ़ा दिया है।
गुमशुदगी के मामले में ठगी का प्रयास
कोतवाली बिसवां के मास्टर काॅलोनी निवासी पीयूष मौर्या का 17 वर्षीय पुत्र साहित्य बीती 11 जुलाई को संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गया। 14 जुलाई को उसका मुकदमा लिखा गया। सोमवार को एक अनजान नंबर से काॅल आई। फोन करने वाले शख्स ने खुद को जांच अधिकारी अतुल वर्मा बताया। उसने पिपीयूष से मदद के नाम पर पैसे ट्रांसफर करने की डिमांड की। पीड़ित ने प्रभारी निरीक्षक से बात की तो जालसाजी का पता चला। इसके बाद पीयूष ने पैसे ट्रांसफर नहीं किए।
मध्य प्रदेश के हैं नंबर, जांच जारी
साइबर अपराधी तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर लोगों को झांसे में लेकर ठगी का प्रयास कर रहे हैं। पीड़ितों ने हमसे संपर्क कर शिकायत की थी। जांच में दोनाें नंबर मध्य प्रदेश के निकले हैं। पीड़ितों को आगाह कर दिया गया है।
– तेज प्रकाश सिंह, प्रभारी निरीक्षक, बिसवां
कॉल आए तो क्या करें-
सबसे पहले काॅल की सत्यता के बारे में पता कर लें।
– स्थानीय पुलिस को इसकी जानकारी जरूर दें
– किसी भी हाल में पैसों का लेनदेन न करें।
– इसकी लिखित शिकायत संबंधित थाने व साइबर सेल में अवश्य करें