खबर दृष्टिकोण
मिश्रित/ सीतापुर। मिश्रित तहसील प्रशासन वर्तमान समय कमांऊ पूतो के माध्यम से भ्रष्टाचार की बहती गंगा में गोते लगाकर सूबे के मुखिया द्वारा भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन के दावे की हवा निकाल रहा है । ज्ञातब्य हो कि मिश्रित तहसील में कार्यरत अहलमद फौजदारी बिजनेस कुमार का यहां से गैरजनपद तबादला होने के बाद उपजिलाधिकारी पंकज कुमार सक्सेना ने तहसील में कार्यरत लिपिक अनीश अहमद जो पहले से ही नायब नाजिर के अतिरिक्त दूसरी कमांऊ सीट कलेक्शन बाबू का कार्य भार देख रहे थे । उनको अपने अहलमद फौजदारी का कार्य भार सौंप कर सोने पर सुहागा लगा दिया है । तहसील के अधिवक्ताओं में इस बात को लेकर आक्रोश व्याप्त है । वहीं उपजिलाधिकारी के पेशकार सुरेश कुमार मौर्य अंगद के पांव की तरह तहसील में कई वर्षों से जमे हुए हैं । जिनके पास भी अहलमद राजस्व , नकल नवीस और पेशकार का पद सुरक्षित है । मजेदार बात तो यह है कि इस बार बाबू ने अपना कार्य निपटाने के लिए अहलमद कक्ष से लेकर न्यायालय कक्ष तक अपने कई कारकून लगा रखे हैं । जो वादकारियों और अन्य कार्य के लिए आने वाले जरूरतमंदों से खुले आम अवैध वसूली करने का कार्य कर रहे हैं । यह सब कुछ उपजिलाधिकारी की संज्ञानता में हो रहा है । लेकिन कार्यवाही करने के बजाय उनकी चुप्पी तहसील के वकीलों में आक्रोश का कारण बना हुआ है । जिसको लेकर यहां के अधिवक्ता आए दिन कार्य बहिष्कार और हड़ताल पर बने रहते हैं । लेकिन फिर भी उपजिलाधिकारी सक्सेना अपनी दूषित कार्य प्रणाली से बाज न आकर बैक डेट में प्रचलित पत्रावलियों का मनमाना निस्तारण करने में लगे हुए हैं । जिसको लेकर पीड़ित पक्षकारों ने सूबे के मुखिया तक को अपनी शिकायतें भेजकर कार्यवाही किए जाने की मांग की है । दूसरी तरफ नगर के जागरूक नागरिकों में इस बात की भी सुगबुगाहट हो रही है । कि उपजिलाधिकारी ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित कर रखी है । जिसकी जांच कराने के लिए मुख्यमंत्री व लोकायुक्त को पत्र लिखने का मन बना रहे हैं । इतना ही नहीं उपजिलाधिकारी द्वारा किए जाने वाले अनैतिक कृत्यो को लेकर कई सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि भी आंदोलनात्मक कदम उठाने पर विचार कर रहे है।



