तौहीद मंसूरी खबर दृष्टिकोण
बरवर खीरी :- डॉ रियाज़ अहमद ने बताया कि 28जुलाई को डॉ बारूक ब्लमबर्ग ने सन 1967 में हैपेटाइटिस बी के वायरस की खोज की तथा बाद में इसके टीका बनाया उनके सम्मान में उनके जन्म दिवस पर प्रत्येक वर्ष वर्ल्ड हेपटाइटिस दिवस मनाया जाता है।
आम भाषा में हेपटाइटिस एक तरह का लीवर की सूजन है जो खुद ब खुद भी ठीक हो जाती है लेकिन कभी कभी यह गंभीर रूप भी ले लेती है जैसे लीवर फाइब्रोसिस , सिरोसिस और कैंसर हेपेटाइटिस का मुख्य कारण हेपटाइटिस वायरस जो 5 प्रकार (ए, बी, सी, डी और E ) के होते हैं , लेकिन कई बार यह अन्य संक्रमण जैसे विषाक्त पदार्थ (शराब, दूषित जल,गंदा खाना, मल ,कुछ दवाएं तथा इस्तेमाल की हुई सीरिंज , दूषित उपकरण आदि) से भी फैल सकता है। इस बीमारी में मरीज की मौत तथा महामारी तक फैलने की संभावना होती है खास तौर पर टाइप बी और सी करोड़ों लोगों में क्रॉनिक बीमारी का कारण है इस बीमारी में 2से लेकर 8हफ्ते में लक्षण दिखाई देते हैं, शुरुआत में मतली,उल्टी ,पेट दर्द , थकान और पीलिया जैसे सामान्य लक्षण दिखाई देते हैं जो बाद में गंभीर रूप भी ले सकते हैं)बचाव:
दूषित खाना,पानी उपयोग की हुई सीरिंज से बचें और टीकाकरण करवाएं जो की सरकारी अस्पतालों में मुफ्त है ।
3 से 4 डोज बयासको में तथा नवजात शिशुओं को जन्म k समय से लेकर 6से 18महीने में लगाए जाते हैं।