लखनऊ।उत्तरप्रदेश व मध्यप्रदेश में नदियों का जलस्तर तेजी से बढने के चलते सैकड़ो गांव बाढ की चपेट में आ गये है ओर लोग बाढ के पानी से घिरे ऊचे स्थानो पर फंसे,ऎसी जगहो पर मदद अभियान चलाकर बाढ के पानी में फंसे लोगो के बचाव के लिये एनडीआरएफ ग्यारवीं बटालियन की टीमें अपनी जान जोखिम में डालकर जुटी हुयी है।
एनडीआरएफ लखनऊ के उपकमाडेंट नीरज कुमार ने बताया
मध्यप्रदेश में लगातार हुई अत्यधिक भारी वर्षा के कारण नदियां-नाले उफान पर हैं और विभिन्न बैराजों और बांधों से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे मध्यप्रदेश में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है I सबसे ज्यादा बाढ़ प्रभावित इलाकों में जिला शिवपुरी, शिओपुर, मुरैना, भिंड, गुना और अशोक नगर हैं I जिनमें 11 एनडीआरएफ का बाढ़ बचाव एवं राहत कार्य लगातार जारी है और अब तक सैकड़ों लोगों को बचा कर सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया गया है I मध्य प्रदेश से निकलने वाली चंबल नदी जो राजस्थान के सीमावर्ती इलाके से उत्तर की तरफ प्रवाहित होती है, जिसमें राजस्थान में हुई बाढ़ का पानी धौलपुर बैराज से लगातार छोड़ा जा रहा है I जिससे चंबल नदी उफान पर है जो उत्तर प्रदेश में इटावा में यमुना के साथ मिलती है I जिससे यमुना का जलस्तर अत्यधिक बढ़ गया है और जिला इटावा, औरैया, जालौन, हमीरपुर, बलिया में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है I गंगा का जल स्तर प्रयागराज में चेतावनी के निशान के पास पहुंच रहा है और वाराणसी में खतरे के निशान पर पहुंचने वाला है, जिससे गंगा नदी से सटे इलाकों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है I
वर्तमान में मध्यप्रदेश में एनडीआरएफ की आठ टीमें ज़िला अशोकनगर, गुना, शिवपुरी, मुरैना और भिंड में राहत बचाव कार्य में जुटी हुई हैं जो वाराणसी, गाज़ियाबाद और पंजाब से बुलाई गई हैं I उत्तर प्रदेश में इटावा, जालौन, वाराणसी, प्रयागराज, बलिया श्रावस्ती, बहराइच, सिद्धार्थ नगर, गोरखपुर और लखनऊ में एनडीआरएफ टीमें तैनात हैं I
वाराणसी में भी गंगा का जलस्तर चेतावनी के निशान को पार कर चूका है और खतरे के निशान के करीब है I बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ पूरी तरह मुस्तैद है। कमांडेंट मनोज कुमार शर्मा के अनुसार एनडीआरएफ आपदा में राहत बचाव कार्य में सदैव तत्पर रहती है और लोगों को भरोसा दिलाना चाहते हैं कि भयभीत न हो धैर्य बना कर रखें I हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं I