ग्राम प्रधान मजीठ व सचिव की मिली भगत से मनरेगा योजना में लाखों के वारे न्यारे मनरेगा योजना में जमकर हुआ भ्रष्टाचार
जीवन यादव खबर दृष्टिकोण जालौन
रामपुरा/ जालौन
हम आपको बता दें रामपुर ब्लाक के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत मजीठ में मनरेगा योजना में जमकर हुआ घोटाला।
मनरेगा में घोटाले या घोटाले की मनरेगा जनपद जालौन में मनरेगा योजना बनी ग्राम प्रधान व सचिव के लिए कुबेर का खजाना मनरेगा योजना के तहत व्यक्तिगत लाभ के कार्यों में जमकर हो रहा फर्जीवाड़ा काम करने बाले मजदूरों की संख्या दस से पंद्रह और आदमी दिख रहे कई मास्टर रोल की अपलोड फोटो में काम करने बाले मजदूर नही बल्कि कमीशन ऐजेंट होते है जो ग्राम प्रधान व सचिव को मोंटा मुनाफा करवा रहे हैं। हम आपको बता दें कि फर्जी जॉब कार्ड धारकों को सिर्फ खाते में पैसे भेजने के बाद ₹500 ही दिए जाते हैं बल्कि बाकी की जो रकम होती है वह प्रधान व सचिव के हिस्से में चली जाती है फिर उसे रकम में नीचे से ऊपर तक की अधिकारियों को कमीशन दिया जाता है महिला मेटों को मनरेगा योजना में सम्मिलित इसलिए किया गया था कि मनरेगा योजना में किसी भी तरीके से फर्जीवाड़ा ना किया जा सके लेकिन ग्राम प्रधान व सचिव महिला मेट्रो को ठेंगा दिखा देते हैं और उनको भी उनके काम का पैसा नही मिलता जिम्मेदारों की मिली भगत से करोड़ों के घोटाले को दिया जा रहा है अंजाम ग्राम प्रधान मजीठ व ग्राम पंचायत सचिव जिम्मेदारो के लिए वरदान साबित एमआईएस पद्धति में भी गड़बड़ झाला
सूत्रों की अगर मन तो ग्राम प्रधान मजीठ व ग्राम पंचायत सचिव ने अब तक के कार्यकाल में मनरेगा योजना में जमकर किया घोटाला व भ्रष्टाचार तकनीकी सहायक बीते 4 साल में हुए कुबेर के मालिक, जब की इनकी मासिक आय लगभग 10 से 15 हजार रुपया है संबंधित अधिकारियों से सवाल ये है कि क्या मनरेगा के कार्यों को देखने बाला कोई नही है?
MIES के जरिए मास्टर रोल में गंभीर गड़बड़ियों पर किसी की नजर क्यू नही पड़ती है क्या मनरेगा के जरिए करोड़ों रुपयों का घोटाला किया जा रहा है?
क्यों शिकायत करने के बाबजूद भी दोषियों पर कोई कारवाही नही की जाती क्या आलाधिकारी भी इस घोटाले में शामिल है? क्यों नहीं की जाती है मनरेगा योजना में गहराई से जांच,जांच में “कार्य हुआ है या नही हुआ है” ये क्यों नहीं देखा जाता है? इसकी जांच क्यू नही की जाती कि मास्टर रोल में दिखाए गए श्रमिक काम करते भी है या नही, मनरेगा के कार्यों के मास्टर रोल में लगे श्रमिको की जांच हो जिस से पता चले कोन गरीब श्रमिक है और कोन धनाढ्य (धनी) श्रमिक है। आखिर अब तक क्यों नहीं की गई ग्राम प्रधान मजीठ व ग्राम पंचायत सचिव पर कार्यबाही। अब देखना यह है कि क्या इसी तरह चलता रहेगा मनरेगा योजना में लाखों के घोटाले का खेल या फिर जिलाधिकारी महोदय जांच कमेटी गठित कर मनरेगा योजना में लाखों के घोटाला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के देंगे आदेश।