ख़बर दृष्टिकोण लखनऊ।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि गांवों में पानी की निकासी हेतु नाली एवं पर्याप्त सड़कों का होना ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए बहुत आवश्यक है, कहीं ,कहीं वर्षा ऋतु में जल भराव की समस्या गम्भीर हो जाती है, जिससे ग्रामीणों को असुविधा होती है। ग्रामीण क्षेत्र में पर्याप्त आंतरिक गलियां उपलब्ध हो और भराव/जल प्लावन की स्थिति बिल्कुल भी न हो, इस हेतु उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों को व्यापक दिशा निर्देश दिए हैं।उन्होंने ग्रामों में जलभराव की समस्या के निदान हेतु नाली एवं नागरिक सुविधाओं हेतु आंतरिक सड़कों का निर्माण प्राथमिकता के आधार पर कराये जाने के निर्देश देते हुए कहा है कि मनरेगा गाइड लाइन्स में निहित प्राविधानों के तहत यह कार्य प्राथमिकता के आधार पर कराये जांय।
ग्राम्य विकास आयुक्त जी एस प्रियदर्शी ने बताया कि शासन द्वारा सभी जिला अधिकारियों/जिला कार्यक्रम समन्वयक (मनरेगा) को समय- समय पर जारी शासनादेशो/ दिशा निर्देशों का हवाला देते हुए कहा गया है कि आपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत मनरेगा एवं राज्य वित्त/चतुर्थ राज्य वित्त / 14वां वित्त आयोग की धनराशि को अभिसरण कर प्रत्येक ग्राम पंचायत में वित्तीय वर्ष की कार्ययोजना के अनुरूप कार्यस्थलों का चिन्हांकन करके आवश्यकतानुसार पक्का खड़न्जा / नाली निर्माण कार्य कराये जांय।
मनरेगा आपरेशनल गाइडलाइन व मास्टर सर्कुलर
का उल्लेख करते हुए मनरेगा गाइडलाइन के अनुसार कार्य कराये जाने की अपेक्षा की गयी है । यह भी इंगित किया गया है कि मनरेगा में श्रम सामग्री अनुपात 60:40 प्राविधानित होने के कारण सामग्री मद सीमित ही रहेगा। इस सामग्री मद में नागरिक सुविधाओं के लिए आंतरिक सड़कों एवं जल प्रवाह हेतु नालियों का बनाया जाना प्राथमिकता पर वांछनीय है।निर्देश दिए गए हैं कि कि गांव की नाली और आंतरिक सड़कों का आंकलन कर यह सुनिश्चित किया जाए कि सामग्री का ज्यादा से ज्यादा उपयोग इसी मद में हो और किसी भी दशा में ग्रामों में जल भराव या आंतरिक सड़कों का अभाव न होने पाये।