गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मानवता के भविष्य की शिल्पकार है
भारत में जी-20 शिक्षा मंत्रियों की बैठक और वाशिंगटन डीसी में इंडिया-यूएसए स्किलिंग फॉर फ्यूचर से शिक्षा क्षेत्र में नए आयाम खुलेंगे – एडवोकेट किशन भावनानी गोंदिया
गोंदिया – वैश्विक स्तरपर भारत के अमेरिकी स्टेट विजिट को जहां अमेरिका द्वारा हाथों हाथ लेकर अपने पलकों पर बैठाने से सारी दुनिया अचंभित और हैरान है, वहीं पड़ोसी और विस्तारवादी मुल्क टकटकीनजरों से सब देख कर मुंह मोड़ मरोड़कर रह गए हैं और खतरनाक आतंकियों को वैश्विक घोषित करने में वीटो पावर का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। परंतु भारत अमेरिका इन सब बातों से दूर मानवता के भविष्य को सुरक्षित सुव्यवस्थित करने में लगे हुए हैं जिनके अनेक उपायों में से एक शिक्षा बहुत बड़ा स्तंभ है। क्योंकि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मानवता के भविष्य की शिल्पकार है। भारत और अमेरिका के पास उसके दोनों पहिए हैं। अमेरिका के पास कौशल तकनीकों की खान है तो भारत के पास कुशल युवाओं की फैक्ट्री अगर दोनों मिल जाए तो शिक्षा क्षेत्र में नए आयामों के अध्याय जुड़ सकते हैं जिससे मानवता और मानवीय समस्याओं का समाधान आकाश की ऊंचाइयों और समंदर की गहराइयों तक करके उनका निवारण करने में सक्षम हुआ जा सकता है, जिसकी चर्चा शुरू हो गई है, जिसमें 22 जून 2023 का दिन महत्वपूर्ण रहा। एक ओर जहां महाराष्ट्र के पुणे में जी-20 शिक्षा मंत्रियों की बैठक हुई तो दूसरी ओर भारत, अमेरिका स्टेट विजिट में इंडिया यूएसए स्किलिंग फॉर फ्यूचर विषय पर कार्यक्रम हुआ दोनों को भारतीय पीएम ने संबोधित किया जबकि वाशिंगटन डीसी में फर्स्ट लेडी जो बाइडेन ने भी संबोधित किया अगर इन विचारों को हकीकत की धरा पर उतारा जाए तो पूरी दुनियां भारत अमेरिका जोड़ी का लोहा मानेगी। चूंकि आज 22 जून 2023 को जी-20 के शिक्षा मंत्रियों की बैठक और वाशिंगटन डीसी के कार्यक्रम में शिक्षा क्षेत्र की अभूतपूर्व चर्चाएं हुई दोनों कार्यक्रमों को भारतीय पीएम ने संबोधित किया, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, इंडिया यूएसए स्किलिंग फॉर फ्यूचर प्लस जी-20 शिक्षा मंत्रियों की बैठक इक्वल टू उज्जवल भविष्य पक्का।
साथियों बात अगर हम माननीय पीएम द्वारा 22 जून 2023 को वीडियो संदेश से जी-20 शिक्षा मंत्रियों की बैठक को संबोधित करने की करें तो उन्होंने कहा, शिक्षा न केवल ऐसी बुनियाद है जिस पर हमारी सभ्यता का निर्माण हुआ है, बल्कि यह मानवता के भविष्य की वास्तुकार भी है। शिक्षा मंत्रियों के रूप में, आप सभी के लिए विकास, शांति और समृद्धि के हमारे प्रयासों में मानव जाति का नेतृत्व करने वाले शेरपा हैं। भारतीय शास्त्रों में शिक्षा की भूमिका का वर्णन आनंद प्रदान करने वाले के रूप में की गई है। उल्लेखनीय है कि पीएम ने आज पुणे में आयोजित जी-20 शिक्षा मंत्रियों की बैठक को वीडियो संदेश के माध्यम से संबोधित किया।सभा को संबोधित करते हुए, पीएम ने कहा कि शिक्षा न केवल वह नींव है जिस पर हमारी सभ्यता का निर्माण हुआ है, बल्कि यह मानवताके भविष्य कीशिल्पकार भी है। पीएम ने शिक्षा मंत्रियों का शेरपाओं के रूप में उल्लेख किया और कहा कि वे सभी के लिए विकास, शांति और समृद्धि के प्रयास में मानवता की अगुवाई कर रहे हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारतीय धर्मग्रंथ शिक्षा की भूमिका का वर्णन आनंद प्रदान करने वाली कुंजी के रूप में करते हैं। संस्कृत के एक श्लोक का पाठ करते हुए जिसका अर्थ है सच्चा ज्ञान विनम्रता देता है, विनम्रता से योग्यता आती है, योग्यता से धन प्राप्त होता है, धन व्यक्ति को अच्छे कर्म करने में समर्थ बनाता है और यही आनंद लाता है, पीएम ने कहा कि भारत एक समग्र एवं व्यापक यात्रा पर निकल पड़ा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मूलभूत साक्षरता युवाओं के लिए एक मजबूत आधार तैयार करती है और भारत इसे प्रौद्योगिकी के साथ जोड़ रहा है। उन्होंने सरकार द्वारा समझ और संख्यात्मकता के साथ पढ़ने में निपुणता हेतु राष्ट्रीय पहल या निपुण भारत पहल पर प्रकाश डाला और इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता को जी-20 द्वारा भी एक प्राथमिकता के रूप में पहचाना गया है। हमारे युवाओं को निरंतर कौशल प्रदान करके, उन्हें पुन: कौशल से लैस करके और उनके कौशल को उन्नत करके उन्हें भविष्य के लिए तैयार करने की जरूरत को रेखांकित करते हुए,पीएम ने उनकी दक्षताओं को नए उभरते कार्यों की प्रकृति एवं प्रणालियों के अनुरूप ढालने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत में हम कौशल मैपिंग का कार्य कर रहेहैं जहां शिक्षा,कौशल विकास और श्रम मंत्रालय इस पहल पर मिलकर काम कर रहे हैं। पीएम ने यह भी सुझाव दिया कि जी-20 के देश वैश्विक स्तरपर कौशल मैपिंग का कार्य कर सकते हैं और उन कमियों का पता लगा सकते हैं जिन्हें दूर किए जाने की जरूरत है। पीएम ने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी समानता स्थापित करने वाले एक तत्व के रूप में कार्य करती है और समावेशिता को बढ़ावा देती है। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने और भविष्य की जरूरतों के अनुरूप ढलने की प्रक्रिया में एक शक्ति गुणक है। उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता की क्षमताओं के बारे में भी चर्चा की जो सीखने, कौशल विकास और शिक्षा के क्षेत्र में काफी संभावनाएं प्रदान करती है।उन्होंने प्रौद्योगिकी द्वारा पैदा किए गए अवसरों और चुनौतियों के बीच सही संतुलन बनाने में जी-20 की भूमिका पर भी जोर दिया।
साथियों बात अगर हम माननीय पीएम द्वारा वॉशिंगटन डीसी में इंडिया यूएसए स्किलिंग फॉर फ्यूचर कार्यक्रम को संबोधन करने की करें तो,इस उज्ज्वल भविष्य के लिए आवश्यक हैं-एजुकेशन, स्किल, इनोवेशन और भारत में हमने इस दिशा में कई प्रयास किए हैं।हमने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में शिक्षा और स्किलिंग को इंटेग्रेटे किया है। हमने स्कूलों में लगभग दस हज़ार अटल टिंकरिंग लैब उसकी स्थापना की है। जहाँ बच्चों को तरह-तरह के इनोवेशन करने के लिए सभी प्रकार की सुविधाएँ दी जा रही हैं। हमने युवा यू आर इंटर प्रेन्योरस को प्रोत्साहित करने के लिए स्टार्ट यूपी इंडिया मिशन शुरू किया है। हमारा लक्ष्य इस डेकेड को टेक डिकेड या टेचंदे बनाने का है। आज भारत और अमेरिका को ग्रोथ का मोमेंट्स बनाए रखने के लिए एक पाइप लाइन फॉर टिनेंट पाइपलाइन फॉर टैलेंट उसकी भी ज़रूरत है। जहां एक ओर अमेरिका के पास उच्च कोटि के शिक्षण संस्थान हैं, एडवांस्ड प्रौद्योगिकीयां हैं, वहीं भारत के पास विश्व की सबसे बड़ी युवा फैक्ट्री है। और इसलिए मुझे विश्वास है कि भारत और अमेरिका की साझेदारी-सस्टेनेबल और इंक्लूसिव ग्लोबल ग्रोथ का इंजन साबित होगी। अमेरिका में कम्युनिटी कॉलेज द्वारा निभाई जा रही अहम भूमिका के लिए मैं हृदय से आप सबका बाहर बहुत अभिनन्दन करता हूँ।
साथियों बात अगर हम अमेरिकन फर्स्ट लेडी जेल बाइडेन द्वारा वाशिंगटन डीसी में इंडिया यूएसए किलिंग फॉर फ्यूचर कार्यक्रम को संबोधन की करें तो प्रथम महिला जिलबाइडेन ने कहा कि शिक्षा भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच संबंधों की आधारशिला है, हम आशा करते हैं कि हम इस यात्रा के साथ इसे बनाते और मजबूत करते रहेंगे। हमारे विश्वविद्यालय एक साथ साझेदारी कर रहे हैं, अनुसंधान का नेतृत्व कर रहे हैं, और समुद्र तक फैले प्रशिक्षुता और इंटर्नशिप का निर्माण कर रहे हैं। जैसा कि मैंने यहां देखा है, हमारे दोनों देशों के छात्र एक दूसरे के साथ मिलकर सीख रहे हैं। एक साथ मिलकर एक बेहतर दुनिया का निर्माण कर रहे हैं। कंधे से कंधा मिलाकर काम करते हुए, हमारे राष्ट्र सभी के लिए एक सुरक्षित, स्वस्थ, अधिक समृद्ध भविष्य बना सकते हैं।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि,इंडिया यूएसए स्किलिंग फॉर फ्यूचर प्लस जी-20 शिक्षा मंत्रियों की बैठक इक्वल टू उज्जवल भविष्य पक्का।गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मानवता के भविष्य की शिल्पकार है।भारत में जी-20 शिक्षा मंत्रियों की बैठक और वाशिंगटन डीसी में इंडिया यूएसए स्किलिंग फॉर फ्यूचर से शिक्षा क्षेत्र में नए आयाम खुलेंगे।
-संकलनकर्ता लेखक – कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र