बाराबंकी, । दाे दिन पहले मामा के साथ निकले सगे भाइयों के शव बुधवार को नहर में पाए गए। दोनों को नहर में फेंककर हत्या करने की आशंका जताई जा रही है। मामा अब भी लापता है। पीड़ित पिता ने आरोपित मामा पर अपहरण का मुकदमा कराया था। शव मिलने के बाद एसपी, एएसपी व सीओ ने घटना स्थल का जायजा लिया। पुलिस मामा की तलाश में जुट गई है।फतेहपुर थाना के ग्राम बसारा में रहने वाले रामकिशोर का सात वर्षीय पुत्र कृष्णा और पांच वर्षीय पुत्र दिव्यांश इसरौली में एक निजी विद्यालय में कक्षा दो व केजी के छात्र थे। रामकिशोर की पत्नी कृष्णावती का भाई महेंद्र प्रताप दो माह से बहन के यहां ही रह रहा था। महेंद्र देवा के खेवली गांव का रहने वाला है। महेंद्र बाइक से दोनों भांजों को स्कूल ले जाता व लाता था।आठ अगस्त की शाम को करीब 5:30 बजे महेंद्र दोनों भांजों को बाइक से लेकर घर से निकला था, जिसके बाद से तीनों लापता थे। पीड़ित पिता रामकिशोर ने फतेहपुर में अपने साले महेंद्र पर दोनों पुत्रों के अपहरण का मुकदमा कराया था।बुधवार को एक शव सतरिख थाना के पांडे का पुरवा और दूसरा डेढ़ किमी दूर भगवानपुर में स्थित नवाबगंज रजबहा में पाय गया। पुलिस पहले पांडे का पुरवा शव की सूचना पर पहुंची थी। उसको निकालते समय ही दूसरे शव की जानकारी मिली। एएसपी मनोज पांडेय और सीओ सदर नवीन सिंह ने घटना स्थल का जायजा लिया। डाग स्क्वायड और फील्ड यूनिट भी मौके पर पहुंची।एसएसआइ फतेहपुर सतीश सिंह ने बताया कि आरोपित महेंद्र का विवाह हुआ था, लेकिन उसका पत्नी से विवाद चल रहा है। उसकी एक संतान भी है। करीब दो माह से वह अपनी बहन कृष्णावती के यहां रह रहा था। यह मानसिक रूप से बीमार था, जिसका मनोचिकित्सक डा. संदीप से उपचार भी चला है। हत्या के पीछे भी मामा के मनोरोगी होने की ही चर्चा है।फतेहपुर से लापता दोनों बच्चों की सूचना सभी थानों पर थी। वहीं पिता तलाश में सीतापुर गए हुए थे। बुधवार को शव मिलने पर पुलिस ने कृष्णा व दिव्यांश के परिवारजन को सूचना दी, जिससे वह आकर पहचान कर सकें। शव विच्छेदन गृह पहुंचे परिवारजन ने मां कृष्णावती को फोन कर बच्चों के कपड़ों की जानकारी ली। कपड़े वही होने के बाद लोगों ने शव देखकर पहचान की।