रिपोर्ट मो०अहमद चुनई
पुरवा उन्नाव मामला थाना मौरावां से सम्बन्धित है जहां आबादी की भूमि पर वर्षो से काबिज चले आ रहे लोगों को जबरन हटा कर दबंगों द्वारा कब्जा कर लिए जाने की शिकायतों पर एक माह बाद लेखपाल स्थलीय जांच में पहुंचे।और पीड़ित को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया। प्राप्त विवरण के अनुसार थाना मौरावा क्षेत्र के ग्राम लोहरामऊ में भूमि नंबर 450 मिल जुमला लगभग 20 बीघा आबादी के लिए सुरक्षित है। जिसपर पूरा गांव बसा हुआ है। आबादी के कुछ भूभाग पर गांव के शिव राम पुत्र शिव शंकर तथा प्रेम नाथ द्विवेदी पुत्र दयाराम आदि का पूर्वजों से घूरा आदि पड़ता रहा है। और काबिज चले आ रहे थे । योगी सरकार टू के बनते ही गांव के ही दबंग बालकृष्ण पुत्र छोटेलाल सुनील कुमार सुशील कुमार अनिल कुमार राकेश कुमार पुत्रगण बालकृष्ण आदि लोगों ने योजनाबद्ध तरीके से एक राय होकर शिवराम एवं प्रेमनाथ तथा गांव के अन्य लोगों की आबादी की भूमि पर जबरन छप्पर आदि डालकर कब्जा करना शुरू कर दिया। मना करने पर उपरोक्त लोगों ने फर्जी मुकदमों में फंसा देने के साथ जान से मार देने की धमकी दी। जिससे गांव के कुछ लोग डर गए और चुपचाप दबंगों की घुड़की के आगे नतमस्तक हो गए। और कब्जा छोड़ने में ही अपनी और अपने परिवार की भलाई समझी। लेकिन शिवराम के पास उक्त आबादी की भूमि के अतिरिक्त घूरा डालने के लिए कहीं जमीन भी नहीं थी। तब शिवराम ने दिनांक 4-6-22 को थाना मौरावा में शिकायत दर्ज कराई। मौराव पुलिस ने दूसरे दिन दोनों पक्षों को थाने पर बुलाया था। लेकिन दबंग थाना मौरावा नहीं पहुंचे। और अपनी जोड़ जुगत लगाते रहे।तब शिवराम ने दिनांक 11- 6-22 को थाना मौरावा में आयोजित समाधान दिवस में शिकायत दर्ज कराई।पीड़ित ने पुनः 18 -6-22 को तहसील पुरवा में आयोजित जिला अधिकारी के तहसील दिवस में शिकायत संख्या 300 817 19000434 दर्ज कराई।लेकिन कोई भी कर्मचारी जांच में भी नहीं पहुंचा।पीड़ित ने पुरवा विधानसभा क्षेत्र के यशस्वी विधायक अनिल सिंह से मिलकर दबंगों से कब्जा छुड़वाने की शिकायत की। पुरवा विधायक ने उपजिलाधिकारी पुरवा से दूरभाष पर् इस संबंध में वार्ता की। और पीड़ित को अपने हस्ताक्षर युक्त पत्र देकर उप जिलाधिकारी से मिलने को कहा।विधायक के निर्देशानुसार पीड़ित विधायक का हस्ताक्षर युक्त पत्र लेकर उप जिलाधिकारी पुरवा से भेंट की। लेकिन दबंग उस पत्र पर भी भारी पड़ गए। और कोई कार्यवाही नहीं हुई। पीड़ित ने हिम्मत नहीं हारी और हिलौली मुख्यालय में क्षेत्रीय विधायक से मिलकर आपबीती सुनाई और शिकायती पत्र भी दिया। लेकिन उस पत्र पर कोई कार्यवाही नहीं हो सकी। और नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा। थक हार कर पीड़ित ने मुख्यमंत्री के पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई उसमें भी राजस्व विभाग द्वारा फर्जीवाड़ा कर दबंग लोगों को अभयदान दे दिया गया। लगातार हो रही शिकायतों से परेशान होकर एक माह बाद लेखपाल रामबरन स्थलीय जांच में पहुंचे। रामबरन लेखपाल ने जांच में पाया कि दबंग लोगों ने जबरन कब्जा कर लिया है। इसकी भनक लगते ही दबंग कब्जेदारो में बाल कृष्ण पुत्र छोटेलाल तथा राकेश पुत्र बालकृष्ण ने एक एक विश्वा का आवासीय पट्टा क्षेत्रीय लेखपाल को दिखाया। क्षेत्रीय लेखपाल ने दोनों आवासी पट्टो को बारीकी से देखा तो बताया कि इस पट्टे में चौहद्दी नहीं पड़ी हुई है। और ना ही कोई तिथि पड़ी हुई है। इससे यह पट्टा फर्जी साबित होता है। इससे यह सिद्ध होता है कि अवैध कब्जेदारों ने उक्त आबादी की भूमि पर कब्जा करने के लिए फर्जीवाड़ा कर डाला है। पीड़ित ने उच्चाधिकारियों से फर्जीवाड़े की जांच कराए जाने तथा दबंगों द्वारा काबिज भूमि से कब्जा हटवाए जाने की मांग की है।अब देखना है कि फर्जीवाड़े पर कब्जा करने वाले दबंगों के आगे प्रशासन नतमस्तक हो जाता है या फिर पीड़ित को न्याय मिल पाता है।