राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के समक्ष योगी सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे
इकाना स्टेडियम में शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां पूरी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, जेपी नड्डा, धर्मेंद्र प्रधान, राधा मोहन सिंह की मौजूदगी में योगी मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे
लखनऊ । उत्तर प्रदेश में 37 वर्ष बाद सत्ता में लगातार दूसरी बार वापसी का इतिहास रचने वाले योगी आदित्यनाथ गुरुवार को फिर मुख्यमंत्री चुने किए जाएंगे। दोबारा सत्ता की कमान योगी आदित्यनाथ के ही हाथ में होगी, यह पहले से तय है, लेकिन इसकी औपचारिक घोषणा केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाए गए गृहमंत्री अमित शाह और सह-पर्यवेक्षक रघुवर दास की मौजूदगी में होने वाली भाजपा विधायक दल की बैठक में होगी। इसके बाद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के समक्ष योगी सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चेहरे पर लड़ा गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कई बार चुनावी मंचों से ‘आएंगे तो योगी ही’ और ‘योगी ही उपयोगी’ जैसा नारा देकर स्पष्ट संदेश दे चुके थे कि भाजपा दोबारा सरकार बनाती है तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही होंगे। संगठन की शक्ति और अमित शाह की रणनीति के साथ मोदी-योगी की जोड़ी ने विपक्षी मंसूबों को ढेर कर अकेले 255 व गठबंधन सहयोगियों के साथ 273 सीटें जीत लीं। ऐसा प्रदेश की राजनीति में 37 वर्ष बाद हो रहा है कि पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के बाद किसी दल की सरकार फिर पूर्ण बहुमत के साथ बन रही है।राजधानी के शहीद पथ स्थित अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम में शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान और प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह की मौजूदगी में योगी मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। उनके साथ अन्य मंत्री भी शपथ लेंगे। समारोह में कई केंद्रीय मंत्री, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारी, साधु-संत, विभिन्न क्षेत्रों के गण्यमान्यजन शामिल होंगे। देशभर के प्रमुख विपक्षी नेताओं को भी न्योता भेजा गया है।योगी सरकार-2.0 में मंत्री कौन-कौन होंगे, इसे लेकर तमाम अटकलें चल रही हैं। इसके साथ ही ऊहापोह इस बात को लेकर भी है कि क्या फिर से दो उपमुख्यमंत्री बनाए जाएंगे? बनाए जाएंगे तो क्या फिर केशव प्रसाद मौर्य और डा. दिनेश शर्मा ही होंगे? इसी बीच यह भी संभावना जताई जाने लगी कि पिछड़ा वर्ग के नेता के रूप में केशव की वापसी लगभग तय है। यदि उनके चुनाव हार जाने का विषय आधार बनता है तो पिछड़ा वर्ग से ही आने वाले प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह को यह कुर्सी मिल सकती है। दलित और महिला कोटे से आगरा ग्रामीण विधायक व उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल बेबीरानी मौर्य की दावेदारी दो पदों पर मानी जा रही है। विधानसभा अध्यक्ष के रूप में प्रोटेम स्पीकर बनाए जाने के बाद से योगी सरकार में समाज कल्याण मंत्री रहे रमापति शास्त्री का नाम भी चल रहा है। वहीं, डा. दिनेश शर्मा दोबारा डिप्टी सीएम न बने तो उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना भी जताई जा रही है। कन्नौज से चुनाव जीते सेवानिवृत्त आइपीएस अधिकारी असीम अरुण, प्रवर्तन निदेशालय की सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले सरोजनीनगर विधायक राजेश्वर सिंह और सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी व एमएलसी एके शर्मा को भी सरकार में प्रमुख जिम्मेदारी मिल सकती है। माना जा रहा है कि उपमुख्यमंत्री को लेकर विधायक दल की बैठक के बाद घोषणा हो जाएगी।