पांच-पांच लाख में बांटे 46 फर्जी नियुक्ति पत्र
प्रयागराज, । प्रयागराज में करछना विकास खंड में नौकरी के नाम पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। पांच-पांच लाख रुपये में 46 लोगों को ब्लाक प्रोग्रमिंग मैनेजर के पद के लिए फर्जी नियुक्ति पत्र जारी हुए हैं। इनमें से एक युवक मंगलवार को करछना विकास खंड में नियुक्ति पत्र लेकर ज्वाइनिंग करने पहुंचा। फर्जीवाड़ा सामने आया तो इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों समेत विकास भवन में जिला पंचायत राज अधिकारी को दी। इस बारे में सूचना मिली तो पुलिस पहुंची और पूछताछ के लिए युवक को थाने ले जाया गया। पुलिस का कहना है कि मामले की छानबीन की जा रही है। फिलहाल इस मामले से किसी बड़े गिरोह के खुलासे की संभावना है।शहर में प्रीतम नगर का रहने वाला प्रकाश गौड़ पंचायत राज विभाग में ब्लाक प्रोग्रमिंग मैनेजर के पद के लिए नियुक्ति पत्र लेकर मंगलवार को करछना ब्लाक पहुंचा। फर्जी नियुक्ति पत्र देखकर ब्लाक के अधिकारी सन्न रह गए। एडीओ पंचायत विवेक कुमार मिश्रा ने करछना थाने मे तहरीर देते हुए जिला पंचायत राज अधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी को घटना की जानकारी दी। जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक कुमार सिन्हा ने बताया कि इस प्रकार के किसी भी पद पर कोई नियुक्ति नहीं हुई है। यह नियुक्ति पत्र पूरी तरह से फर्जी है।अगर कहीं, दूसरी व्यक्ति भी इस तरह का पत्र लेकर आता है तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने इस मामले में किसी गिरोह की संलिप्तता की आशंका जताई है। अधिकारी के अनुसार कुछ शातिर ब्लाक में नौकरी लगवाने के नाम पर बेरोजगार युवकों से रुपये ठग रहे हैं। ब्लाक में किसी भी पद के नियुक्ति की एक निर्धारित प्रक्रिया है। इसके बारे में अखबार के साथ ही आधिकारिक वेबसाइट पर सूचना डाली जाती है।फर्जी नियुक्ति पत्र में अपर मुख्य सचिव पंचायती राज का आदेश था। जिसमें चयनित प्रकाश गौड़ को 23 हजार 500 रुपये मासिक मानदेय पर पांच वर्ष के लिए ज्वाइन करना था। पत्र में 17 जनवरी से 24 जनवरी के बीच करछना ब्लाक में उपस्थित होकर ब्लाक प्रोग्राम मैनेजर का पद ग्रहण करने की बात लिखी थी। इस पत्र को जारी करने की तिथि तीन दिसंबर 2021 लिखी है। इस पर डीपीआरओ के हस्ताक्षर हैं। जिलाधिकारी समेत पांच लोगों को प्रतिलिपि भेजने की बात भी लिखी है। डीपीआरओ ने इस पर उनके हस्ताक्षर होने से इंकार किया है।पुलिस ने प्रकाश से कड़ाई से पूछताछ की तो पता चला कि इस तरीके के 46 नियुक्ति पत्र जारी हुए हैं। यानी 46 लोगों को नौकरी के नाम पर लाखों रुपये हड़पे गए हैं। हालांकि इन 46 युवकों में अभी यह पहला युवक पकड़ा गया है। अभी भी 45 फर्जी नियुक्ति पत्र कहां हैं और उसके धारक कहां है, अब इसकी तलाश की जा रही है। पुलिस की कई टीमें गिरोह की टोह लेने में जुट गई हैं। पुलिस अधिकारी विचार कर रहे हैं कि इस पीड़ित युवक से तहरीर लेकर जालसाजी और ठगी का मुकदमा लिखा जाए ताकि गिरोह के लोगों की धरपकड़ हो सके।