सीतापुर उत्तर प्रदेश मैं कार्यरत करीब पौने दो लाख मित्र 5 वर्षों से भाजपा की योगी सरकार से आस लगाए बैठे थे क्योंकि भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में उत्तर प्रदेश में सरकार बनने के 3 महीने के अंदर शिक्षामित्रों का समाधान करने के लिए वादा किया था परंतु 5 वर्ष गुजर गए सब मित्रों के प्रति सरताज पूरी तरह से उदासीन बनी रही शिक्षामित्रों मात्र ₹10000 का मानदेय मिलता है जिससे उनका परिवार नहीं चल पा रहा है इसलिए पीड़ित शिक्षामित्र इको गार्डन में धरना प्रदर्शन करके सरकार को जगाने का कार्य कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनकी मांग पर विचार करते हुए उनका भी कल्याण करें परंतु जुमलेबाज भाजपा सरकार शिक्षा मित्रों के प्रति कुछ भी नहीं सोच रही है 2022 के विधानसभा चुनाव के होने वाले विधानसभा चुनाव में आचार संहिता लगने से पहले यदि सरकार द्वारा शिक्षामित्रों का कल्याण नहीं किया जाता है तो 2022 के विधानसभा चुनाव में पौने दो लाख शिक्षामित्र के साथ-साथ उनके घर परिवार रिश्तेदार सारे लोग मिलकर भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए मजबूर होंगे और 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की योगी सरकार को उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा परंतु यदि कुछ करती है तो होने दो लाख शिक्षामित्र व उनके परिवार के लोग भाजपा की योगी सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए पूरी तरह से तैयार है और पुनः 2022 में उत्तर प्रदेश में भाजपा की योगी सरकार को लाने का कार्य करेंगे देखना यह है कि शिक्षामित्रों के तहत भाजपा की योगी सरकार क्या करती है न्याय देती है या धोखा