वाराणसी। रविवार को वाराणसी के पुराना रामनगर स्थित समाजसेवी विभू पांडे के निजी आवास पर महिलाओं के सशक्तिकरण और सुरक्षा को लेकर विधिक जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। महिलाओं को विधिक जानकारियां प्रदान करने के उद्देश्य से बैठक का आयोजन किया गया। समाजसेवी विभू पांडेय द्वारा सभागार में जुटी हुई सभी महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं के हित एवं संरक्षण के लिए देश में कई प्रकार के कानून बनाए गए हैं तथा महिलाओं को विभिन्न विधियों के तहत विधिक अधिकार दिए गए हैं। बावजूद इसके जानकारी के अभाव में महिलाएं उनका लाभ नहीं ले पाती हैं। उन्होंने ऐसे बच्चे, जिन्होंने कोविड महामारी के दौरान माता-पिता अथवा दोनों को खो दिया है, उन्हें केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ प्रदान करने के लिए सूची तैयार करने को लेकर महिलाओं को निर्देशित किया। इसके साथ ही ऐसे बच्चें जिनकी उम्र 5 से 14 वर्ष है और जो शिक्षा से वंचित हैं, उन्हे भी शिक्षा की मुख्य धारा से जोडऩे के लिए सूची तैयार करने की बात कही। बैठक में उपस्थित महिलाओं को विधिक जानकारियां प्रदान करते हुए बताया कि घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, महिलाओं को हिंसा से मुक्त जीवन जीने का अधिकार देता है तथा अधिकारों की रक्षा करता है। दहेज प्रतिशेध अधिनियम की विधिक जानकारियां देते हुए बताया कि दहेज लेना या देना अपराध है। कोई भी व्यक्ति जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से माता-पिता या अन्य रिष्तेदारों या दुल्हन यह दूल्हा के अभिभावक, किसी से भी दहेज की मांग करता है, तो उसे कारावास की सजा हो सकती है। इसके अतिरिक्त महिलाओं एवं बालकों के विरूद्ध अधिकार, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडऩ अधिनियम, बाल विवाह निषेध अधिनियम, विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, पीडित प्रतिकर स्कीम के तहत प्रतिकर प्रदान करने की प्रक्रिया व पात्रता के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए महिलाओं को विधिक रूप से जागरूक किया।