मोहनलालगंज । लखनऊ , मंगलवार को मोहनलालगंज में पांच दिन पहले कम्प्यूटर पार्टस कारोबारी व बीजेपी नेता विनोद सिंह के भाई मुकेश सिहं हत्याकांड का खुलासा क्राइम ब्रांच सहित पुलिस टीमों ने किया तो पीड़ित परिजनो सहित ग्रामीण सन्न रह गये।कारोबारी मुकेश की हत्या करीबी ने महज उधार ली गयी चार लाख की रकम ना दे पाने पर अपने साथी संग मिलकर कर दी थी।इंस्पेक्टर के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच,सर्विलांस पुलिस टीमो ने मगंलवार को दोनो हत्यारोपियों को गोपालखेड़ा रेलवे फाटक के पास से दबोचने के साथ ही घटना में प्रयुक्त स्विफ्ट कार व गला कसकर हत्या में प्रयुक्त किया गया क्लच वायर,मृतक का आधार कार्ड ,तीन मोबाइल फोन भी बरामद किये।पुलिस ने दोनो आरोपियों को न्यायालय में पेश किया,जहां से उन्हे जेल भेज दिया गया।मोहनलालगंज कोतवाली में डीसीपी दक्षिणी गोपाल चौधरी ने एसीपी दिलीप कुमार सिहं की मौजूदगी में आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कोतवाली क्षेत्र के गोपालखेड़ा गांव निवासी कम्प्यूटर पार्ट्स कारोबारी मुकेश सिहं को 16 दिसम्बर की शाम अज्ञात कार सवारो ने अगवा कर गला कसकर हत्या कर दी थी,हत्यारे शव को हरकंशगढी गांव के बाहर आउटर रिगं रोड के किनारे फेक कर फरार हो गये थे,17 दिसम्बर को कारोबारी का शव मिलने के बाद मृतक के बड़े भाई सुबोध सिहं की तहरीर पर अज्ञात कार सवार लोगो के विरूद्व हत्या,अपहरण की धाराओ में मुकदमा पंजीकृत कर खुलासे के लिये इंस्पेक्टर अखिलेश कुमार मिश्रा के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच वा स्वाट, सर्विलास सहित पुलिस टीमो को लगाया था,मृतक के मोबाइल की सीडीआर में अगवा करने के कुछ देर पहले बात करने वाले नम्बरो के आधार पर पुलिस ने सदेंह के घेरे में आये दर्जनो लोगो को थाने बुलाकर पूछताछ भी लेकिन हत्यारो से जुड़ा कोई खास सुराग हाथ नही लगा।जिसके बाद इंस्पेक्टर ने आखिरी बात करने वाले गोपालखेड़ा गांव के ही हीरा सिहं की गतिविधियों पर नजर बनाये रखने को पुलिस टीमो को लगाया,पुलिस की टीमें लगने का शक होने पर मगंलवार को जब हीरा सिहं अपने साथी अकुंर पाल संग मारूति की स्विफ्ट कार से भागने लगा तो पुलिस टीमो ने उसे धर दबोचा,जिसके बाद पुलिस टीमो ने दोनो को कोतवाली लाकर कड़ाई से पूछताछ की तो वो टूट गये ओर कारोबारी की हत्या किये जाने का जुर्म कबूला।डीसीपी ने बताया हत्यारोपी हीरा सिहं ने बताया वह आनलाइन लांखो का सट्टा खेलता था,जिसके लिये उसने गांव के ही कारोबारी मुकेश सिहं से चार लाख रूपये उधार ले रखे थे,मुकेश आये दिन अपने पैसे मगांने के साथ जलील करता था जो उसे नागवार गुजरता था,एक दिन जब उसने अपने साथी अंकुर पाल से बतायी तो उसने उधारी देने से बचने के लिये हत्या करने का ताना बना बुन दिया,योजना अनुसार दोस्त की मारूति स्विफ्ट डिजायर कार घूमने के बहाने लेकर कारोबारी मुकेश को पैसे देने के बहाने गोपालखेड़ा पुल पर बुलाकर कार में आगे की सीट पर बिठा लिया,जिसके बाद कार में पीछे बैठे अकुंर पाल ने बाइक के क्लच वायर से गला कसकर मुकेश को मौत के घाट उतार दिया और शव को हरकंशगढी गांव के बाहर आउटर रिगं रोड किनारे एक मोबाइल व चप्पलो सहित फेकने के बाद वो दोनो अपने घर चले गये।जिसके बाद पुलिस ने दोनो हत्यारोपियो की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त क्लच वायर,कार,तीन मोबाइल फोन व मृतक का आधार कार्ड बरामद किया।जब कि पुलिस मृतक का गायब एक कीपैड मोबाइल ढूंढने में असफल रही ।
*पीड़ित परिजनो के साथ खोजने का नाटक करता रहा आरोपी…..*
एसीपी दिलीप कुमार सिहं ने बताया कारोबारी मुकेश की हत्या करने के बाद आरोपी हीरा सिहं बैखोफ होकर पीड़ित परिजनो के साथ सहानुभूति दिखाकर उनके साथ कारोबारी को खोजने का नाटक करता रहा ।
*हत्यारोपी की मां की सदमें से हुयी मौत……*
आरोपी हीरा सिहं को कारोबारी मुकेश की हत्या के बाद अपनी गिरफ्तारी व जेल जाने का डर सताने लगा तो उसने अपनी मां को हत्या करने की बात बीते रविवार को बताई तो सदमा लगने से उसकी मां की हार्ट अटैक से मौत हो गयी,जिसके बाद से वो बैचेन रहने लगा था,वही शातिर किस्म का दूसरा आरोपी अकुंर अपने रिश्तेदारियों में जाकर हत्या करने की बात कहकर अपनी ऊंची कर रहा था।मगंलवार को कार से दोनो ने भगाने का प्लान बनाया तो पुलिस टीमो ने दोनो को धर दबोचा।
*पुलिस कमिश्नर ने खुलासा करने वाली टीमो की सरहाना……*
पुलिस कमिश्नर ध्रुव कांत ठाकुर ने कारोबारी मुकेश हत्याकांड का सफल अनावरण करने वाले प्रभारी निरीक्षक अखिलेश मिश्रा,अतिरिक्त निरीक्षक ए जेड खान,एसएसआई प्रभात दीक्षित,उपनिरीक्षक कप्तान सिहं,शशिकला सिहं व क्राइम ब्रांच एवं स्वाट टीम के उपनिरीक्षक अमित साहू,रणविजय सिहं,हेड कास्टेबल सरताज सहित डीसीपी साउथ की सर्विलांस टीम के कास्टेबल मंजीत सिहं,सुनील कुमार,रविन्द्र सिहं सहित खुलासे में अहम भूमिका निभाने वाले सभी पुलिसकर्मियो की पीठ थपथपाकर बंधाई दी।