वाराणसी, । नीट में धांधली के प्रयास के मामले में साल्वर गिरोह के सरगना नीलेश सिंह उर्फ पीके से पूछताछ के बाद पकड़े गए आरोपित लघु सिंचाई विभाग के टेक्नीशियन कन्हैया लाल सिंह की कोर्ट ने पांच दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर की है। रिमांड की अवधि मंगलवार से शुरू हो गई है। विवेचक ने साक्ष्य संकलन के लिए अदालत से कस्टडी रिमांड की मांग की थी। अब साक्ष्य संकलन के लिए कोर्ट अगले पांच दिनों तक आरोपितों से पूछताछ कर पूरे गिरोह की कार्यप्रणाली ही नहीं बल्कि अब तक कितने लोगों को किन विभागों में नौकरी मिली, इस बात की भी जांच की जाएगी। नीट परीक्षा में सेंधमारी का जिन्न अब दिन प्रतिदिन और भी बड़ा आकार लेता जा रहा है। वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट की ओर से जांच में प्रदेश की विभिन्न नौकरियों की परीक्षाओं जैसे सहायक शिक्षक, यूपीटेट, यूपीएसआई, चिकित्सा विभाग में एएनएम, एसएससी सहित अन्य कई परीक्षाओं में भी व्यापक स्तर पर सेंधमारी की जानकारी सामने आई है। दरअसल यूपी की अन्य सरकारी नौकरियों में भी नीट के अलावा सेंधमारी की जानकारी होने के बाद पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। सरकारी नौकरियों में भी फर्जी तरीके से पैसे लेकर दूसरे से परीक्षा दिलाकर नौकरी देने का मामला सामने आया है। जबकि, नीट के दर्जन भर से अधिक अभ्यर्थियों की जानकारी सामने आने के बाद पुलिस सभी के फिंगर प्रिंट की लखनऊ में जांच करा रही है। पूर्व में भी यूपी में भर्ती घोटाले सामने आते रहे हैं, ऐसे में जिस तेजी से वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट ने नीट में फर्जीवाड़ा और नीट के संदिग्धों के साथ ही नीट के धोखेबाज अभ्यर्थियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है उससे उम्मीद जगी है कि यूपी में सरकारी नौकरी के धोखेबाज भी सामने आएंगे। माना जा रहा है कि पुलिस ने लघु सिंचाई विभाग के टेक्नीशियन कन्हैया लाल सिंह से पूछताछ के लिए ही रिमांड मांगी है। रिमांड के दौरान विभिन्न सरकारी नौकरी की परीक्षाओं में सेंधमारी की जानकारी सामने आने के बाद से अन्य विभागों की ओर से भी इस पूछताछ पर निगाहें टिकी हैं। अगर कन्हैया ने सभी राज उगल दिए तो पांच सालों में जितने भी गिरोह के माध्यम से सरकारी नौकरी पा चुके धोखेबाज हैं उनके चेहरे बेनकाब होना तय है।