पुरवा-उन्नाव
कस्बा स्थित बरातशाला को अस्थाई गौशाला बनाने के पश्चात् नगर प्रशासन मौज में है। लेकिन भूख व प्यास से तड़प रहे जानवरों की मौत हो रही है। नगर के चेयरमैन व जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारियों को भूल गए।
प्राप्त विवरण के अनुसार नगर पंचायत पुरवा में पिछले कार्यकाल में तत्कालीन चेयरमैन शशि द्विवेदी ने जनहित को ध्यान में रखकर एक बरातशाला का निर्माण कराया गया था। किंतु वर्तमान जनप्रतिनिधि व नगर प्रशासन द्वारा उसे अस्थाई गौशाला के तौर पर प्रयोग कर रहे हैं। शासन द्वारा करोड़ों के बजट से बनने वाली कान्हा गौशाला अभी तक तैयार नहीं हुई। उक्त अस्थाई गौशाला में भूख व प्यास से तड़प कर कई जानवर मौत का निवाला बन गए हैं। मंगलवार को हमारे संवाददाता की जैसे ही नजर वहां पड़ी तो देखा कि तीन गौवंश मरे पड़े हुए हैं। गौशाला के भीतर गंदगी का अंबार है। साथ ही उनकी चिकित्सीय देखभाल भी नहीं हो पा रही है। शासन की अतिमहत्त्वपूर्ण गौशाला व गौवंश संरक्षण योजना पूरी तरह से धरातल पर फ्लाप साबित हुई। जहां एक ओर छुट्टा मवेशियों से आम जनमानस परेशान है तो वहीं दूसरी ओर बेजुबान जानवरों को भी जीने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। इस संबंध में जब उच्चाधिकारियों से बात करने का प्रयास किया गया तो एसडीएम से लेकर डीएम तक का फोन नहीं उठा।
रिपोर्ट मो० अहमद चुनई