लखनऊ, । लखमीपुर खीरी में तीन अकटूबर को चार किसानों सहित आठ लोगों की मृत्यु के प्रकरण में मुख्य आरोपित आशीष मिश्रा मोनू के साथ उसके मित्र अंकित दास पर भी शिकंजा कसा गया है। पुलिस की रिमांड पर चल रहे अंकित दास को एसआइटी की एक टीम लखीमपुर खीरी से लेकर लखनऊ पहुंची है।लखीमपुर खीरी में हिंसा के दौरान तिकुनिया में चार किसानों को वाहनों से कुचलने का सीन री क्रिएशन करने के बाद एसआइटी की टीम का फोकस अब असलहों की बरामदगी पर है। किसानों ने आरोप लगाया था कि तिकुनिया में फायरिंग हुई थी। इस केस में मुख्य आरोपित केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा मोनू के असलहों की पड़ताल करने के बाद अब एसआइटी की टीम अंकित दास के असलहों की जांच करने में लगी है। अंकित दास के साथ उसके गनर मोहम्मद लतीफ को लेकर एसआइटी की टीम लखनऊ पहुंची है। यहां पर बाबू बनारसी दास नगर, पुराना किला में अंकित दास घर में असलहों की तलाशी की जाएगी। अंकित दास पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांग्रेस के नेता स्वर्गीय अखिलेश दास का भतीजा है। वह ठेकेदारी करता है।लखीमपुर खीरी कांड के मुख्य आरोपित केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्र को गुरुवार की देर शाम पुलिसिया पूछताछ के बाद चिकित्सीय परीक्षण कराकर वापस जेल भेज दिया गया। पिछले दो दिन से आशीष मिश्र को एसआइटी अपने साथ रखकर क्राइम ब्रांच के दफ्तर में सघन पूछताछ कर रही थी। इसी घटनाक्रम में बुधवार को इस मामले में एक दिन पहले गिरफ्तार किए गए लखनऊ के कांट्रेक्टर अंकित दास उनके ड्राइवर शेखर भारती व गनर लतीफ उर्फ काले को साथ लेकर एसआइटी ने गुरुवार को पूरी घटना का रीक्रिएशन कराया। जिसमें सभी चारों आरोपितों को घटना स्थल पर ले जाया गया था।जेलर पंकज ङ्क्षसह ने बताया कि आशीष मिश्र पुलिस रिमांड पर थे जिनको गुरुवार की शाम करीब सवा सात बजे वापस जेल में दाखिल कर दिया गया है जबकि इस मामले के तीन अन्य आरोपितों अंकित दास, शेखर भारती, लतीफ उर्फ काले से एसआइटी पुलिस लाइन में बने क्राइम ब्रांच के दफ्तर में लगातार पूछताछ कर रही है।