लखनऊ, । लखीमपुर के तिकुनिया में रविवार को हुई किसानों के भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ संघर्ष के बाद प्रदेश भर में सियासत गर्मा गई है। राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और प्रसपा लोहिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव किसानों के समर्थन में लखीमपुर जाने को निकले तो उन्हें पुलिस ने रोकने का प्रयास किया। वहीं रविवार देर रात प्रियंका वाड्रा को सीतापुर में अरेस्ट करने पर भी काफी बवाल मचा। प्रदेश में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी राजधानी लखनऊ समेत लखीमपुर, सीतापुर, अयोध्या समेत आसपास के जनपदों में प्रदर्शन किया। साथ ही किसान भी आंदोलित रहे।लखीमपुर के तिकुनिया में रविवार को हुई किसानों के भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ संघर्ष को लेकर सोमवार को लखनऊ में भी सियासत गरमा गई। रविवार देर रात प्रियंका वाड्रा के लखनऊ पहुंचकर लखीमपुर रवाना होते ही पुलिस सतर्क हो गयी। सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और प्रसपा लोहिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के लखीमपुर जाने से पहले उनको नजरबंद कर दिया गया। वहीं आप ने परिवर्तन चोक पर प्रदर्शन किया। विक्रमादित्य मार्ग पर सोमवार तड़के ही भारी पुलिस बल तैनात हो गया। अखिलेश यादव के घर के बाहर बैरिकेटिंग कर दी गई। जबकि घर के दोनों गेट पर ट्रक को लगा दिया गया। खबर लगते ही सपा कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए। अखिलेश यादव घर से निकले तो उनको पुलिस ने लखीमपुर जाने से रोक दिया। नाराज अखिलेश धरने पर बैठ गए। इस बीच गौतमपल्ली थाने के सामने खड़ी पुलिस की जीप में किसी ने आग लगा दी। अखिलेश यादव ने कहा कि सपा कार्यकर्ता शांति से धरना दे रहे हैं। पुलिस ने अपनी गाड़ी में आग लगायी है। अखिलेश को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। कार्यकर्ताओं के साथ वह ईको गार्डेन पहुंचे। जहां राम गोपाल यादव, अंबिका चौधरी, राजेंद्र चौधरी, पूर्व मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया और अहमद हसन भी मौजूद थे। मृतक किसानों को दो करोड़ रुपये मुआवजा देने सहित कई मांगों का ज्ञापन देने के बाद अखिलेश यादव को छोड़ा गया।तिकुनिया में रविवार को हुए बवाल और दो किसानों समेत छह लोगों की मौत के बाद अभी हालात सामान्य नहीं हुए हैं। घटना को लेकर पूरे जिले में किसानों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। भाकियू नेता राकेश टिकैत रविवार रात में ही तिकुनिया पहुंच गए थे। उनसे रात से प्रशासन लगातार बातचीत कर रहा है, पर किसान अपनी मांगों पर अड़े, जिस कारण अभी कोई हल नहीं निकला है। मैगलगंज में हजारों की तादात में किसानों लखनऊ-दिल्ली नेशनल हाईवे जाम कर दिया है। तिकुनिया कांड को लेकर पूरे जिले में माहौल गर्म है। गोला में सपाई जोरदार प्रदर्शन की तैयारी में जुटे हैं और पुलिस-प्रशासन से उनकी आंख-मिचौली चल रही है। मैगलगंज में लड़ैती देवी पेट्रोल पंप के पास हजारों की तादात में किसानों ने रोड पर ही टेंट लगाकर हाईवे को पूरी तरह से ब्लाक कर दिया। किसानों ने हाईवे पर एक तरफ कंबाइन मशीन और दूसरी तरफ ट्रालियां खड़ी करके रासता पूरी तरह से बंद कर दिया है। किसान हाथों में काले झंडे लिए हुए हैं और ‘टेनी व उनके बेटे को फांसी दो’ आदि जोरदार नारे लगा रहे हैं। किसानों के प्रदर्शन और हाईवे जाम की सूचना पाकर एसडीएम मितौली दिग्विजय सिंह और सीओ मितौली सुधीर सिंह व एसओ मैगलगंज चिरंजीव मोहन दल-बल के साथ मौके पर पहुंच गए और किसानों से बातचीत शुरू की है, पर अभी तक कोई हल नहीं निकला है। उधर तिकुनिया में हालात खराब हैं। वहां गुरुनानक तिराहे पर किसानों का प्रदर्शन चल रहा है। तिकुनिया की मार्केट भी पूरी तरह से बंद है।लखीमपुर में बवाल के बाद सीतापुर में सियासी सरगर्मियां बढ़ गईं हैं। रविवार रात पुलिस ने कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को हरगांव में रोक लिया। इसके बाद उन्हें द्वितीय वाहिनी पीएसी के गेस्ट हाउस में रखा गया है। प्रियंका को रोकने से आक्रोशित कांग्रेसियों ने सोमवार को द्वितीय वाहिनी पीएसी गेट पर विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, जितेंद्र हुड्डा, कुलदीप वत्स, नसीमुद्दीन सिद्दीकी समेत तमाम बड़े नेताओं ने सीतापुर आकर विरोध जताया। कांग्रेसियों ने प्रियंका गांधी वाड्रा को रिहा करने की मांग की। कांग्रेस ने सेक्रेड हार्ट स्कूल वाली रोड पर दो बार जाम भी लगवाया। उधर, रात में लखीमपुर जाने की कोशिश कर रहे आप सांसद संजय सिंह को भी बिसवां में रोका गया। यही नहीं, लखनऊ में अखिलेश यादव को हिरासत में लिए जाने से आक्रोशित सपाई भी सड़क पर उतर पड़े। पुलिस पूर्व विधायक राधेश्याम जायसवाल, अनूप गुप्त व अनिल वर्मा समेत करीब 15-20 लोगों को वहां से पुलिस लाइन ले गई। इसके बाद सपाइयों ने लालबाग चौराहे पर जाम लगा दिया।