चित्रकूट, करही गांव में शुक्रवार शाम करीब पांच बजे बारिश के बीच कच्चे घर की दीवार ढहने से मलबे में दबकर मां, बेटे और बेटी की मौत हो गई। मां रसोई से खाना निकालने गई थीं, तभी पीछे से दोनों बच्चे भी पहुंच गए। घटना के बाद एसपी व डीएम ने पहुंचकर ढांढस बंधाया। स्वजन को दैवीय आपदा के तहत चार-चार लाख रुपये का मुआवजा दिए जाने का आश्वासन दिया। मऊ थानांतर्गत करही निवासी अजय पटेल का घर कच्चा है। शुक्रवार को उनकी 25 वर्षीय पत्नी यशोदा देवी शाम करीब पांच बजे रसोई से खाना निकालने गई थीं। उनके पीछे पांच वर्षीय पुत्र ऋषि कुमार और तीन वर्षीय पुत्री रिया उर्फ शांति भी पहुंच गए। इसी बीच अचानक कच्ची दीवार ढहने से मां और दोनों बच्चे मलबे में दब गए। दीवार गिरने की आवाज सुनकर आसपास के लोग दौड़ पड़े। किसी तरह मलबे में दबी यशोदा व बच्चों को निकाला। मां और बेटी शांति की मौके पर ही मौत हो गई। ऋषि को गंभीर हालत में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया, जहां चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। अजय ने बताया कि बारिश के दौरान सभी लोग बाहर बरामदे में बैठे थे। बेटे व बेटी ने खाना मांगा तो पत्नी रसोई में चली गई। बच्चे भी उसके साथ थे, तभी हादसा हो गया। हादसे के बाद एसडीएम मऊ नवदीप शुक्ला, सीओ सुबोध गौतम व मऊ कोतवाली प्रभारी गुलाबचंद्र त्रिपाठी ने जांच की। थोड़ी देर बाद पहुंचे डीएम शुभ्रांत कुमार शुक्ल और एसपी धवल जायसवाल ने पीडि़त परिवार को ढांढस बंधाया।