लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टालरेंस की नीति पर कार्रवाई करते हुए सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) ने आरोपितों पर कार्रवाई की है। स्मारक घोटाला समेत भ्रष्टाचार के कई बड़े मामलों की जांच कर रहे सतर्कता अधिष्ठान ने 470 लोकसेवकों पर कानूनी शिकंजा कसा है। बीते साढ़े चार वर्षों में विजिलेंस ने भ्रष्टाचार के 207 मामलों में दोषी पाए गए अलग-अलग विभागों के 470 अधिकारियों व कर्मियों के विरुद्ध कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया है। भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टालरेंस की नीति के तहत वर्तमान शासनकाल में अब तक विजिलेंस को 1156 जांचें सौंपी गई हैं। अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि विजिलेंस ने भ्रष्टाचार से जुड़े 142 मामलों में दोषी पाए गए अधिकारियों व कर्मियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की गई है। 202 मामलों में अभियोजन स्वीकृति दी गई व 10 प्रकरणों में लघु दंड व वृहद दंड दिया गया। सात मामलों में क्षति वसूली की कार्रवाई की गई।अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि साढ़े चार वर्षों में विजिलेंस को 1156 जांचें दी गईं। इनमें 267 मामलों में जांच, 497 मामलों में खुली जांच, 168 मामलों में गोपनीय जांच व 169 प्रकरणों में अभिसूचना संकलन की कार्यवाही की गई है। 55 मामलों में विजिलेंस ने आरोपितों को ट्रैप भी किया। वहीं 322 मामलों की जांच में आरोप सिद्ध न होने के कारण उन्हें समाप्त कर दिया गया। विजिलेंस ने 110 जांचों को अंजाम तक पहुंचाया है, जिनमें से 40 मामलों में दोषियों को सजा हो चुकी है।अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी का कहना है कि विजिलेंस की कार्यप्रणाली को और अधिक चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए लखनऊ, मेरठ, बरेली, आगरा, अयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, झांसी व कानपुर सेक्टर में सतर्कता अधिष्ठान के थाने खोले गये हैं।