लखनऊ, । उत्तर प्रदेश सचिवालय प्रांगण के बापू भवन में जन्माष्टमी पर आत्महत्या के प्रयास में खुद को गोली मारने वाले अपर मुख्य सचिव के निजी सचिव विशम्भर दयाल ने पांच दिन बाद दम तोड़ दिया। आइएएस रजनीश दुबे के निजी सचिव विशम्भर दयाल की शुक्रवार सुबह इलाज के दौरान मौत हो गई। विशम्भर दयाल का लोहिया अस्पताल में इलाज चल रहा था। लोहिया संस्थान के सीएमएस डॉ राजन भटनागर ने बताया की आइएएस के निजी सचिव वेंटिलेटर पर भर्ती थे। उनकी हालत लगातार नाजुक बनी हुई थी। शुक्रवार सुबह उनकी मौत हो गई।अपर मुख्य सचिव डॉ. रजनीश दुबे के निजी सचिव विशम्भर दयाल को 30 अगस्त को डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया था। उसी दिन ऑपरेशन कर उनके सिर से गोली तो निकाल ली गई थी, लेकिन उनकी हालत लगातार गंभीर बनी थी। अपर मुख्य सचिव नगर विकास नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन विभाग में कार्यरत निजी सचिव विशम्भर दयाल ने डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में शुक्रवार को दम तोड़ दिया। दयाल ने बापू भवन की आठवीं मंजिल पर अपने कार्यालय के कक्ष में जन्माष्टमी का अवकाश होने के बाद प्रवेश किया और दस मिनट में कपनटी पर लाइसेंसी रिवाल्वर से गोली मार ली।उधर, इस मामले में उन्नाव के दो और पुलिसकर्मियों की लापरवाही उजागर हुई है। माना जा रहा है कि औरास कोतवाली में तैनात दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ जल्द ही कार्यवाही की जाएगी। प्रकरण की विवेचना फिर से शुरू कर दी गई है। पुलिस परिवारजन का बयान नहीं ले सकी है। गौरतलब है कि विशंभर दयाल ने खुद को गोली मार ली थी। मामले में लापरवाही बरतने वाले उन्नाव के तत्कालीन इंस्पेक्टर हर प्रसाद अहिरवार व दारोगा नमीजुद्दीन को निलंबित कर दिया गया था। पुलिस विशंभर और उनकी बहन के खिलाफ दर्ज मुकदमे की विवेचना शुरू कर दी है। पूरे मामले की नए सिरे से विवेचना की जा रही है और साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। औरास पुलिस पर लगे प्रताडऩा के आरोपों की जांच भी जारी है। पुलिस ने गुरुवार को कुछ लोगों के बयान दर्ज किए। पुलिस जल्द ही आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। हालांकि इससे पहले ही निजी सचिव ने दम तोड़ दिया।पुलिस को 30 अगस्त को बापू भवन के आठवें तल घटनास्थ्ल पर कमरे में विशम्भर दयाल के हाथ में रिवाल्वर, खोखा व जिंदा कारतूस, मोबाइल फोन और एक सुसाइड नोट मिला था। इस सुसाइड नोट में विशम्भर ने बहन के ससुराली विवाद को तनाव का कारण बताया है। विशम्भर की पत्नी का कहना है कि उन्हेंं दफ्तर के किसी विवाद की जानकारी नहीं है। वह बहन की ससुराल के विवाद से जरूर परेशान थे।अपर मुख्य सचिव नगर विकास नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन विभाग डॉ. रजनीश दुबे ने बताया कि पीएस विशम्भर उनके साथ नौ वर्ष से से काम कर रहे थे। बहुत ही शांत स्वभाव के थे। वह खुद भी नहीं समझ पा रहे हैं कि ऐसा उन्होंने क्यों किया।