लखनऊ, उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों के लिए दी गई कंपोजिट स्कूल ग्रांट में अनियमितताओं के दोषी पाये जाने पर पिछले साल फरवरी में निलंबित किये गए उन्नाव के तत्कालीन जिलाधिकारी देवेंद्र कुमार पांडेय को शासन ने सेवा में बहाल कर दिया है। उनके खिलाफ अनुशासनिक जांच जारी रहेगी।देवेंद्र कुमार पांडेय पीसीएस से आइएएस के 2011 बैच में प्रोन्नत अधिकारी हैं। पिछले साल फरवरी में विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान सपा एमएलसी सुनील सिंह साजन ने विधान परिषद में पांडेय पर उन्नाव के जिलाधिकारी की हैसियत से कंपोजिट स्कूल ग्रांट की रकम में घपला करने का आरोप लगाया था। उन्होंने सरकार पर पांडेय को बचाने का भी आरोप लगाया था। शासन ने इसकी प्रारंभिक जांच मंडलायुक्त लखनऊ से करायी थी। जांच में दोषी पाये जाने पर देवेंद्र कुमार पांडेय को निलंबित कर राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया गया था। उनके खिलाफ अनुशासनिक जांच प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद वीणा कुमारी मीणा कर रही हैं। डेढ़ साल बाद निलंबन समाप्त कर सेवा में बहाल किये जाने पर पांडेय ने नियुक्ति विभाग में ज्वाइनिंग दे दी है।कंपोजिट ग्रांट के तहत जारी किए गए 9.73 करोड़ रुपये से उन्नाव जिले के प्राइमरी और जूनियर स्कूलों के लिए जरूरी सामान खरीदना था। उन्नाव के तत्कालीन जिलाधिकारी देवेंद्र कुमार पांडेय पर आरोप लगे कि उन्होंने अपने करीबी फर्मों से मिलीभगत कर स्कूलों के लिए सामान खरीदे और सरकारी दस्तावेजों में कीमत बढ़ाकर दिखाई। इसके लिए फर्जी बिल बनाए गए।